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Showing posts from February, 2016

" आंतकवादी " उतना नुकसान शायद मुंबई मे न कर पाये !

जितना अपने देश भक्तों ने BJP  और मोदी की छत्र-छाया में हरियाणा में कर डाला ! ! शाबास भारतीयों और देश भक्तों , हमे पाकिस्तान या चीन क्या ज़रूरत ! हम ही काफी है अपनी खुद की वाट लगाने के लीये ! जय हो " मोदी राज"  और " खट्टर राज "  की ! " मेरा भारत महान " हर बातों मे कोंग्रेस को दोषी क्यों ? ये पोस्ट मे कहने का मतलब ये है की अगर देश के आंतरिक आंतकवादीयों को नियंत्रण कर नही सकते है देश का P.M  मोदी और BJP की खट्टर सरकार तो पकिस्तान सीमा पर पाकिस्तानि आंतकवादी को खाक नियंत्रण कर पायेगा 56"  का सीना कहने वाले ??

पत्रकारिता सत्ता के खिलाफ ही होती है

पहला हिंदी पत्रकार जिसने 100 शीर्ष भारतीयों में जगह बनाई है। कल रवीश कुमार ने भारत के न्यूज एंकर सर्वे में जीत दर्ज की है। उनको 4178, अर्नब को 1700, रोहित सरदाना को 1540, सुधीर चौधरी को 1300 और दीपक चौरसिया को 81 वोट मिले। इसके पहले रवीश कई बार बेस्ट जर्जर्नलिस्ट ऑफ द ईयर का पुरस्कार जीत चुके हैं,एशियाई पत्रकारों में बेस्ट बन चुके हैं। लेखक के तौर पर भी उन्हें एवार्ड मिल चुका है। कई इंटरनैशनल मंचों पर सम्मानित हो चुके हैं। एक घंटे के शो के लिए 18 घंटे की मेहनत और रिसर्च करते हैं। उनका किताबों का बजट ही 10-12 हजार रुपये महीने का होता है। जितना कांग्रेस की आलोचना करते थे, उतना ही भाजपा की भी। हो सकता है कि सरकार के किसी समर्थक को बुरा लगता है लेकिन पत्रकारिता सत्ता के खिलाफ ही होती है, जिस दिन से पत्रकार सरकार की आलोचना बंद कर देगा उस दिन से लोकतंत्र खतरे में, चाहे जिसकी सरकार हो। सरकार के पास अपने कार्य को एडवर्टाइज करने के लिए तो हजारों करोड रुपये हैं। अब सरकार आपकी है तो आलोचना भी आपकी ही होगी। यही आदमी कांग्रेस के घोटालों पर लगातार 15-15 बहस करवाता था, आज भी भाजपा के वो नेता उसे बेस्...

भारत का इतिहास हमारे छाती पर आग का दहकता गोला है

संसद में महिषासुर पर गर्मागर्म बहस हुई, आप सबने देखा सुना. लेकिन इतिहास यह है की जितने भी असुर राक्षस माने जाने वाले शासक थे वे सभी भारत के मूलनिवासी थे जिनके बारे में ब्राह...

आईये हम सब मिलकर आरक्षण को ख़त्म करते हैं

आरक्षण का विरोध करने वाले कृपया 1 बार हमारे इस पोस्ट को आवश्य पढ़ें। इधर कुछ दिनों से facebook और whats app पर जोर शोर से आरक्षण का विरोध किया जा रहा है। सवर्ण जाति के लोगों का कहना है कि आरक्...

अब ये आरएसएस का प्लान B है.

जरूर गौर करें हर दो तीन महीने पर कहीं न कहीं से उठने वाली आरक्षण की मांग का मक़सद ही यही है कि देश में आरक्षण व्यवस्था के विरुद्ध एक फैब्रिकेटेड माहौल तैयार किया जाये, एक पब्...

क्या भविष्यमे किसान भारतीय राष्ट्रवाद को खतरा पैदा करेंगे?

रोहित वेमुला और कन्हैय्याकुमार को न्याय मिलनाही चाहिये. लेकीन अगर किसान आत्महत्या, महंगाई, पुराना-नया काला धन जैसे महत्वपूर्ण सवालोंको दबानेके लिये भाजपाद्वारा जे एन यु कांड जानबुझके उछाला गया है तो भाजपा कि इस रणनितीका सक्षम प्रतिवाद भी जरुरी है यह बात विपक्ष ठीकसे समझ ले. विदर्भ, मराठवाडा, बुंदेलखंड, तेलंगाणा और ऐसे कई इलाकेमे किसानोंकी स्थिती बेहद गंभीर है. संसद अगर इससे बेखबर रहेगी तो अंततः नुकसान भारतीय समाज का ही होगा. सच मानो तो यह मुद्दा भी भविष्य मे राष्ट्रवाद के लिये खतरा साबित हो सकताहै. आखिर किसान कबतक आत्महत्या करेगा. उसकी दुसरी पिढी अगर हथियार उठाने पर मजबूर हो गयी तो दोष तो उन सभी सरकारोंका होगा जिन्होने धर्म-जातीके अस्मिता-अहंकारवादी नकली सवाल पैदा करके तथा उनसे उलझनेका नाटक करते हुये किसान और खेतीसे जुडे सवालोंकी अनदेखी की!!!  सौ - सुभाष वारे

विदेशी अखबारों ने मोदी को बताया तानाशाह

दुनिया के दो प्रमुख अखबारों ने मोदी सरकार को तनाशाही प्रवृत्ति का बताते हुए तीखी आलोचना की है. अखबार में बीते दिनों नई दिल्ली के पास दिखी ‘पीट..पीट कर मार डालने को आतुर मानसिकता वाली भीड़’ के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. न्यूयार्क टाइम्स ने दिया आर्थिक तरक्की का हवाला न्यूयार्क टाइम्स (एनवाईटी) ने अपने एक ओपएड में कहा है, ‘‘भारत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पैरोकार लोगों के बीच हिंसक झड़प की वेदना झेल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हिंदू अधिकार पर इसके राजनीतिक सहयोगी इसे खामोश करने के लिए आतुर हैं.’’ इसने कहा है कि टकराव ने मोदी के शासन के बारे में गंभीर चिंताएं उठाई हैं. यह आर्थिक सुधारों पर संसद में किसी प्रगति की राह में और भी रोड़े अटका सकती है. कन्हैया की गिरफ्तारी की चर्चा अखबार ने एक अलग आलेख में देशद्रोह के आरोप में जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली में हुई घटनाओं का जिक्र किया है. साथ ही यह कहा है कि संदेश साफ है...उग्र राष्ट्रवाद के नाम पर हिंसा स्वीकार्य है. ‘‘यहां तक कि अदालतें भी सुरक्षित स्थान नहीं हैं. राज्य या बीजेपी को चुनौती खुद ...

ऐसा करने वालों की देशभक्ति संदिग्ध है..

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संघी विचार परिवार वालों से तीन सवाल. 1. आप आंबेडकर चौक, लातूर में जबरन भगवा क्यों फहराना चाहते थे. वहां तो राष्ट्रीय झंडे के अलावा कोई झंडा नहीं होता. बाबा साहेब का भगवा से क्या लेना-देना? 2. कानून के तहत, बुजुर्ग हेड कॉन्स्टेबल ने जब आपको यह गैरकानूनी काम करने से रोका, तो उनको पीटा क्यों? 3. भगवा क्यों, राष्ट्रीय ध्वज क्यों नहीं. आपने जबरन इस बुजुर्ग के हाथ में भगवा पकड़ा कर शहर में घुमाया. राष्ट्रीय ध्वज होता, तो वे खुद शान से जिंदाबाद कहकर शहर में घूमते. ऐसा करने वालों की देशभक्ति संदिग्ध है.

'आज देश की राजनीति देख रोना आता है'

'आज देश की राजनीति देख रोना आता है'. : रशीद मसूद हिंदुस्तान की राजनीति जब आज़ाद भारत में क़दम रखती है तब से लेकर अब तक के सफ़र में बहुत बदलाव हुए हैं. आज़ादी के बाद नेहरू के नेतृत...

संसद या अखाडा

हमारे देश की राजनीती एक अखाडा बन रह गयी है। जहाँ हमारे नेतागण एक पहलवान की तरह अपने राजनितिक दल का समर्थन करते हुए अखाड़े में सदा एक दूसरे से लड़ते ही रहते है। हमारी संसद की जब ...

लोकतंत्र दिन को "काला दिन" मनाने वालो पर अब तक देशद्रोह की कारवाई नहीं हुई है..

देश द्रोह की सुप्रीम कोर्ट ने व्याख्या की है " देश के विरोध में कृती करना " भारत देश में जब से  आक्रमणकारी विदेशी आर्यब्राम्हण आए हैं, तब से लेकर आजतक यह ब्राम्हण देश विरोधी कृती करते आ रहे हैं, और आज भी करते हैं । विदेशी आर्यब्राम्हण भारत देश में आने के पहले यहाँ एकसंघ समाज था । विदेशी आर्यब्राम्हणो ने एकसंघ भारतीय समाज को जाती-जाती में बांट दिया । जाती के आधार पर भेदभाव किया गया । भारतीय समाज को मानवी मूल्ये,अधिकार  नकारे गए । यह सब कृतीयाॅ अमानवीय,    समाज द्रोही, राष्ट्र द्रोही, देश विरोधी कृती है । जो  आज भी होती है । देश में हर दिन ऐसी कई घटनाएं घटती है । परंतु आज तक किसी समाज घातकी,देश घातकी, विदेशी आर्यब्राम्हणो पर  देश द्रोह का गुनाह नहीं लगाया गया ।"समाज को तोडना मतलब देश को तोडना है"।और यह काम ब्राम्हणों का ब्राम्हणवाद करता है इसलिए देश में "सबसे बड़ा आंतकवाद, ब्राम्हणवाद है "।और इसे ब्राम्हणो का संघटन " राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ " आरएसएस चलाता है । आर एस एस अपनी कई संगठन जैसे एबीवीपी, बजरंग दल, भा.ज.प, विश्व हिन्दू परिषद,हिन्दू महासभा, ...

फिर ये सबके सब संविधान और तिरंगे के प्रेमी कैसे हो गए??

बाबा साहब अंबेडकर का नाम रटने को मजबूर है BJP-RSS, जबकि मिलती नहीं है विचारधारा मोदी सरकार अंबेडकर के 125वें जयंती वर्ष में कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है। भारतीय जनता पार्टी की ...

मोदी के विरुद्ध साज़िश ?? .. देशहित में सफल क्यों ना हो ??

अब तो हद्द हो गई .... कल तक जो कहते थे ना खाऊंगा ना खाने दूंगा - देश की तिजोरी पर कोई पंजा नहीं पड़ने दूंगा - मेरी छाती ५६ इंची - आदि आदि लम्बी लम्बी - वो आज विलापने लगे - घिसी पिटी रिकॉर्ड फिल चला मारे .... मैं गरीब का बेटा 'चायबेचनेवाला' प्रधानमंत्री बन गया - इसलिए ये बात विरोधियों को पच नहीं रही - इसलिए मेरे विरुद्ध साज़िश हो रही है .... साज़िश !! यदि बात सही है तो - प्रश्न उठता है कि जो वर्चस्व प्राप्त सर्वोच्च पद पर सत्तासीन होने के बावजूद खुद का बचाव ना कर पा रहा हो वो देश का क्या भला करेगा - जो खुद रोने लगा हो - वो दूसरों के आंसू क्या पोंछेगा .... और जनता के साथ जो अनवरत साज़िश होती रहती है और हो रही है उसको कौन रोकेगा ?? उपरोक्त प्रश्न मैं इसलिए समक्ष में रख रहा हूँ कि यदि कोई साज़िश हो रही है - और वो भी चंद टुच्चे 'एनजीओ' के द्वारा - तो आपका 'तोता' क्या कर रहा है ?? - क्या उसे केजरीवाल ने पिंजरे में बंद कर रखा है ?? .... और 'तोते' को छोडो - आपकी 'बस्सी मैना' क्या कर रही है - और 'कौए' 'चीलें' 'बाज़' आदि क्या कर रहे हैं -...

बीजेपी और मोदी के खिलाफ नारेबाजी

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जेएनयू में शुरू हुए बवाल के बीच छात्र मार्च में शामिल लोग 'बीजेपी और मोदी सरकार मुर्दाबाद' के नारे लगा रहे हैं. आम आदमी पार्टी के कई नेता पहले ही जंतर-मंतर पहुंच चुके थे. लगभग एक हजार छात्रों के इस मार्च में डॉ. भीमराव अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर और रोहित वेमुला के परिवार के लोग भी शामिल हुए. प्रकाश अंबेडकर ने कहा, 'हम कन्हैया और रोहित वेमुला दोनों को न्याय दिलाने के लिए हम मार्च निकाल रहे हैं.

रोहित वेमुला मामले में नहीं हुआ न्याय

छात्रों को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि रोहित वेमुला मामले में न्याय नहीं हुआ. केंद्र के जिन मंत्रियों के नाम इस मामले में आए, उनसे पूछताछ तक नहीं की गई. उन्होंने कहा ...

ईश्वर/अल्लाह/परमात्मा/गॉड से सवाल

ईश्वर / अल्लाह/ परमात्मा / गॉड से सवाल किया :- 1. क्या तुम कायर हो जो हमेशा छिपे रहते हो, कभी किसी के सामने नही आते ? 2. क्या तुम खुशामद परस्त हो जो लोगों से दिन रात पूजा, अर्चना करवाते हो ? ...

धर्म और संविधान मे भेद

१.धर्म ने दी हजारो सालो की गुलामी जबकि संविधान ने दी आपको हजारो सालो की गुलामी से आजादी | २. धर्म ने अछूत बनाया संविधान ने समानता का अधिकार देकर आपको इन्सान बनाया | ३. धर्म ने शिक...

आरक्षण कैसे मिलता है,

हरियाणा में आरक्षण आंदोलन चल रहा है, देख लीजिये आरक्षण कैसे मिलता है, अब तक कई जाट मर चुके है. वो बाबा साहब आंबेडकर ही थे जिन्होंने एक बून्द रक्त बहाये बिना देश के वंचितो को प्...

गुरु रविदास के प्रति श्रद्धा या दलितों का वोट लूटने की साजिश????

क्या प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी इसके पहले कभी कोई रविदास मंदिर गये हैं ? नहीं. ·        क्या वाराणसी में लोकसभा चुनाव का नामांकन भरते समय उन्होंने गुरु रैदास को याद ...