भारत का इतिहास हमारे छाती पर आग का दहकता गोला है

संसद में महिषासुर पर गर्मागर्म बहस हुई, आप सबने देखा सुना. लेकिन इतिहास यह है की जितने भी असुर राक्षस माने जाने वाले शासक थे वे सभी भारत के मूलनिवासी थे जिनके बारे में ब्राह्मणी इतिहास ने हमारे बीच बिगड़ा हुआ इतिहास प्रस्तुत किया है.
असुर का अर्थ है, वह जो सूरा नही पीता है, बलवान और वीर्यवान है. राक्षस का अर्थ है, रक्षक याने protector. जितने भी हिन्दू पर्व हैं सभी मूलनिवासी राजाओं के कत्ल पर मनाये गए जश्न से सम्बंधित. होली में होलिका, दशहरा में महिषासुर, दीवाली में राजा बलि की शहादत को बध का नाम दे कर हमारा इतिहास बिगाड़ा गया है ताकि हम हम अपने गौरवशाली पूर्वजो पर गर्व न कर सकें. वास्तव में सारे हिन्दू त्यौहार हमारे पूर्वजों के विदेशी आर्य ब्राह्मणों द्वारा क़त्ल के बाद हमसे से जश्न मनाये जाने की कहानी है. त्यौहार का अर्थ ही होता है "तुम्हारी हार". याने हमारी हार. यही कारण है की बाबासाहेब कहते थे..भारत का इतिहास हमारे छाती पर आग का दहकता गोला है. सच जाने, स्वाभिमानी बनें.

सौ : shaileshhadiyal28@gmail.com
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Tharad, Gujarat

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