गुरु रविदास के प्रति श्रद्धा या दलितों का वोट लूटने की साजिश????
क्या प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी इसके पहले कभी कोई रविदास मंदिर गये हैं ? नहीं.
· क्या वाराणसी में लोकसभा चुनाव का नामांकन भरते समय उन्होंने गुरु रैदास को याद किया ? नहीं.
· क्या प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी चुनाव का नामांकन भरने के पहले कचहरी में स्थित बाबा साहब की मूर्ति को नमन किया ? नहीं.
· क्या श्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान वाराणसी या देश के किसी कोने में कभी गुरु रैदास का नाम लिया ? नहीं.
· जब वे अस्सी घाट में झाड़ू लगाने आये तो क्या उन्हें बगल में स्थित रविदास पार्क में स्थित गुरु रविदास की मूर्ति में मत्था टेका ? नहीं.
· जब वे दशाश्वमेध घाट में आरती देखने गये तो क्या उन्होंने गुरु रविदास को याद किया ? नहीं.
· क्या प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की गुरु रैदास जी पर आस्था है ? नहीं.
· क्या प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी रविदास के अनुयायी हैं ? नहीं.
तो फिर अब रैदास के प्रति श्रद्धा और भक्ति का दिखावा करने का रहस्य आखिर क्या है ?
उपरोक्त तथ्यों पर ध्यान दिया जाए और असलियत देखी जाय तो माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी की गुरु रैदासजी पर न तो कोई आस्था दिखायी देती है और न ही उनके प्रति श्रद्धा और विश्वास दिखायी देता है. यह जो कुछ भी किया जा रहा है उसका एकमात्र संत रविदास जयंती में लाखों की संख्या में आनेवाले उनके अनुयायी दलितों को गुमराह करके उत्तर प्रदेश और पंजाब के आगामी विधानसभा चुनावों में उनका वोट हासिल किया जा सके.
दलित हितैषी या दलित विरोधी ?
· क्या मा. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देशभर में बड़ी संख्या में हो रही दलितों की हत्याओं और उनके उत्पीड़न, दमन व शोषण पर रोक लगाने हेतु कोई सख्त कदम उठाया ? नहीं
· दलितों की हत्याओं पर उपजे जनाक्रोश पर दलितों को कुत्ता कहकर अपमानित करनेवाले तथा दलितों को नीचा दिखाने वाले मंत्रियों और भाजपा नेताओं पर कोई कार्यवाही की गयी ? नहीं
· क्या मा. श्री नरेंद्र मोदी ने रोहित वैमुला की मौत के गुनहगारों यथा- हैदराबाद विवि के कुलपति अप्पाराव, केन्द्रीय मंत्री श्री बंडारू दत्तात्रेय और श्रीमती स्मृति ईरानी पर कोई कार्यवाही की ? नहीं
· क्या प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने रोहित वैमुला की हत्या (जिसे आत्म हत्या का रूप दिया गया) के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार संगठन ‘अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद’ के विरुद्ध कोई कार्यवाही की जैसा कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की रिपोर्ट में सामने आया है ? नहीं
· क्या उन्होंने संघ प्रमुख और भाजपा नेता तथा लोकसभा अध्यक्ष के साथ ही भाजपा और संघ के अन्य नेताओं द्वारा संविधान समीक्षा और आरक्षण को समाप्त करने सम्बन्धी बयानों का खण्डन किया? नहीं
· लोकसभा में भाजपा का स्पष्ट बहुमत होने के बावजूद भी क्या मा. नरेंद्र मोदी जी ने “प्रमोशन में आरक्षण बिल” पास किया ? नहीं
इन बातों से स्पष्ट होता है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में चल रही भाजपा सरकार दलित हितैषी नहीं हैं. उनके रविदास मंदिर में आने का वास्तविक उद्देश्य कुछ और ही है. दरअसल दलितों का हितैषी बनने, गुरु रविदास और बाबा साहब डा. अम्बेडकर के प्रति भक्ति और श्रद्धा दिखाने के पीछे दलित समुदाय को गुमराह करके आसानी से वोट हासिल करना उनका एकमात्र उद्देश्य है.
सौ- प्रो. महेश प्रसाद अहिरवार, अनु.जाति/जनजाति शिक्षक विकास समिति, कहिविवि वाराणसी.
अम्बेडकर बुद्ध मिशन, सत्संग विहार, वाराणसी.
सावित्री बाई फुले महिला सशक्तिकरण समिति, लहरतारा, वाराणसी
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