1. मशवरा तो खूब देते हो कि खुश रहा करो… कभी खुश रहने की वजाह भी दे दिया करो…!! 2. आसमान में उड़ने वाले जरा ये खबर भी रख….!! जन्नत पहुँचने का रास्ता मिट्टी से ही गुजरता है….!! 3. क्या ओकात है त...
1. अपनी तन्हाई में अक्सर तेरी हस्ती से जुदा मैं सोचता रहता हूँ की क्या सोच रहा हूँ 2. हम पर जो गुजरी है, तुम क्या सुन पाओगे, नाजुक सा दिल रखते हो, रोने लग जाओगे.. 3. उनके आने से मिज़ाज़ बदल ...
1. शिकवा करने गये थे और इबादत सी हो गई, तुझे भुलाने की जिद्द थी, मगर तेरी आदत सी हो गई..! 2. बस कर सको तो, एहसास कर के देख लो, अल्फ़ाज़ों को अब बोलना, अच्छा नहीं लगता। 3. साँसों का टूट जाना, तो आ...
1. "चाँद का क्या कसूर अगर रात बेवफा निकली, कुछ पल ठहरी और फिर चल निकली, उन से क्या कहे वो तो सच्चे थे, शायद हमारी तकदीर ही हमसे खफा निकली." 2. न पूरी तरह से क़ाबिल न पूरी तरह से पूरा है, हर ए...
1. जाने क्या सोच के लहरे साहिल से टकराती हैं; और फिर समंदर में लौट जाती हैं; समझ नहीं आता कि किनारों से बेवफाई करती हैं; या फिर लौट कर समंदर से वफ़ा निभाती हैं। 2. कोशिश करो कि ज़िन्द...
1. वास्ता नही रखना .. तो फिर मुझपे .. नजर क्यूं रखती है … मैं किस हाल में जिंदा हूँ … तू ये सब खबर क्यूं रखती है …. 2. वो साथ थे तो एक लफ़्ज़ ना निकला लबों से, दूर क्या हुए कलम ने क़हर मचा दि...
1. उस खुशी का हिसाब कैसे हो...? तुम जो पूछ लो "जनाब कैसे हो,.,!! 2. गुलाब के फूलों को होंठो से लगा कर एक अदा से वो बोली कोई पास ना होता... तो तुम इसकी जगह होते... 3. मुझे आदत नहीं कहीं बहुत देर तक ठहर...
1. होश वालों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज़ है, इश्क़ कीजिए फिर समझिए जिंदगी क्या चीज़ है !!! 2. मुद्दतों बाद किसी ने पूछा कहा रहते हो... हमने मुस्कुरा कर कहा अपनी औकात में!!! 3. क्या कशिश है ...
1. आइना देख कुछ यूँ मुस्कुराया वो, जैसे खुद का गम खुद से ही छुपाया हो, 2. "कुछ बातों के मतलब हैं, और कुछ मतलब की बातें... जब से फर्क समझा, जिंदगी आसान हो गई!!" 3. वो ना ही मिलते तो अच्छा होता , बे...
1. ऐसा कोई गुनाह करना है...... जिसकी सजा सिर्फ तुम हो....!! 2. हम तुमसे दूर कैसे रह पाते, दिल से तुमको कैसे भूल पाते, काश तुम आईने में बसे होते, ख़ुद को देखते तो तुम नज़र आते. 3. वजह होती.. तो मिटा दे...
1. ज़मीन ने मुझसे कहा रोक अपने आंसूओं को बहने से आशिक़, इतना दर्द है इनमें के जहां जहां गिरे मुझे बंजर बना गए. 2. तुम दूर बहुत दूर हो मुझसे.. ये तो जानता हूँ मैं... पर तुमसे करीब मेरे कोई न...
1. खुशबू कि तरह आया वो तेज़ हवाओं में मांगा था जिसे हमने दिन रात दुआओं में तुम छत पे नहीं आये में घर से नहीं निकला ये चाँद बहुत भटका सावन कि घटाओं में इस शहर में एक लड़की बिलकुल है ग़ज़ल जैसी बिजली सी घटाओं में खुशबू सी हवाओं में मौसम का इशारा है खुश रहने दो बच्चों को मासूम मोहब्बत है फूलों कि खताओं में भगवान् ही भेजेंगे चावल से भरी थाली मज़लूम परिंदों कि मासूम सभाओं में दादा बड़े भोले थे सब से यही कहते थे कुछ ज़हर भी होता है अंग्रेजी दवाओं में 2. आँखों में रहा दिल में उतरकर नहीं देखा कश्ती के मुसाफ़िर ने समन्दर नहीं देखा बेवक़्त अगर जाऊँगा, सब चौंक पड़ेंगे इक उम्र हुई दिन में कभी घर नहीं देखा जिस दिन से चला हूँ मेरी मंज़िल पे नज़र है आँखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं तुमने मेरा काँटों-भरा बिस्तर नहीं देखा पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला मैं मोम हूँ उसने मुझे छूकर नहीं देखा 3. मै कब कहता हूँ वो अच्छा बहुत है मगर उसने मुझे चाहा बहुत है खुदा इस शहर को महफूज़ रखे ये बच्चों की तरह हँसता बहुत है मै तुझसे रोज़ मिलना चाहता हूँ मगर इस राह में खतरा बहुत है मेरा...
मुसलमान तो दामाद हैं. दामादों को तो पलकों पर बिठाया जाता है, फिर भारत के हिन्दू, मुसलमानों से इतनी घृणा करने का ड्रामा क्यों करते हैं? जब जानते हैं, बादशाह अकबर हिन्दुओं के दा...
1. चंद खुशियाँ ही बची थी, मेरे हाथो की लकीरो में......!! वो भी तेरे आंसु पोछते हुए, मिट गई.....!! 2. मोका दीजिये अपने खून को किसी की रगों में बहने का... ये लाजवाब तरीका है,,,बहुत जिस्मो में जिन्दा र...
1. ये मेरा अकेलापन ही मुझे नसीहत देता है जीने की, जिसको सहारे की जरुरत होती है, वो कभी अपने पैरो पर खड़ा नहीं होता। 2. तुम बात नहीं करोगी तो मै मर नहीं जाऊँगा पर तेरे बगैर मेरा जीना ...
1. शुक्र करो कि दर्द सहते हैं, लिखते नहीं वर्ना कागजों पे लफ्जों के जनाजे उठते.... 2. बहुत अंदर तक जला देती है....! वो शिकायतें जो बयाँ नही होती...!! 3. हम तो लिख देते हैं जो भी ज़हन में आता है, दि...
1. होता अगर मुमकिन, तुझे साँस बना कर रखते सीने में, तू रुक जाये तो मैं नही, मैं मर जाऊँ तो तू नही.. 2. कुछ इस तरह वो मेरी बातों का ज़िक्र किया करती है.... सुना है वो आज भी मेरी फिक्र किया करत...
1. झुक के बात करने की आदत बना ले , काफी फायेदे में रहोगे , क्युकी …. आज भी आँखे मिला कर बात करने की तेरी औकात नही हे ।। 2. सिर्फ तूने ही कभी मुझको अपना न समझा ,जमाना तो आज भी मुझे तेरा दीव...
1. कभी आवाज में कशिश थी कभी नजरो में नशा था, फिर जो तेरा असर होने लगा होश मै खोने लगा 2. हमसे भुलाया नही जाता एक “मुख्लिस” का प्यार, लोग जिगर वाले है जो रोज़ नया महबूब बना लेते है… 3. अ...