Shayari Part.74

1. उस खुशी का हिसाब कैसे हो...?
तुम जो पूछ लो "जनाब कैसे हो,.,!!

2. गुलाब के फूलों को होंठो से लगा कर एक अदा से वो बोली
कोई पास ना होता... तो तुम इसकी जगह होते...

3. मुझे आदत नहीं कहीं बहुत देर तक ठहरने की,,
लेकिन जब से तुम मिले हो ये दिल कही और ठहरता नही !!

4. मै हारा भी तुझसे तो  एक ही वजह थी  सुना था हारने वाले को  तुम गले लगाती हो....!!.

5. मैने जब खुद से कहा.
तू मेरी दुआ भी कभी कबूल कर दे.
उसने भी मुस्कुरा कर कह दिया.
तू एक ही शख्स को माँगना छोड़ दे....!!!

6. कुछ नहीं है आज मेरे शब्दों के गुलदस्ते में,
कभी कभी मेरी खामोशियाँ भी पढ लिया करो.

7. नसीहतें और दुआएं नहीं बदलतीं,
बस देने वाले लोग और तरीके बदल जाते हैं।

8. सब कहते हैं ज़िन्दगी में सिर्फ एक बार प्यार करना चाहिए,
लेकिन तुमसे तो मुझे बार बार प्यार करने को दिल चाहता है।

9. मुझे आदत नहीं यूँ हर किसी पे मर मिटने की…!
पर तुझे देख कर दिल ने सोचने तक की मोहलत ना दी ।।

10. वो मेरे दिल पर सिर रखकर सोई थी बेखबर;
हमने धड़कन ही रोक ली कि कहीं उसकी नींद ना टूट जाए।

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