कोविंद का नाम सुनते ही आप लोग दलित राष्ट्रपति बनने का ज्यादा जश्न मत मनाओ.....

‼सावधान दलितो .....‼जागो‼
कोविंद का नाम सुनते ही आप लोग दलित राष्ट्रपति बनने का ज्यादा जश्न मत मनाओ.....
ये Bjp का दलितो को बेवकूफ बनाकर शिकार करने का तरीका है |
ये तरीका है दलित कार्ड खेलकर 2019मे आमचुनाव जीतकर आरक्षण को समाप्त करने का....
ये चाल है पिछले दिनो इन भक्तो द्वारा दलितो पर हो रही ऊना,सहारनपुर,रोहित वेमुला के नरसंहारो पर पर्दा डालने की...
साथियो BJP अपने को दलित हितेशी साबित करने कौशिश कर रही है....
क्योंकि उनका प्यादा रामनाथ 2021मे आरक्षण समाप्ति के बिलपर आँख बंद करके हस्ताक्षर कर देगा..
अगर ये दलित हितेशी है तो विधानसभा चुनावो मे रामनाथ याद क्यो नही आया...????
पिछले दिनो कितने ही राज्यो मे BJPकी सरकारे पूर्णबहुमत से बनी वहा 1भी दलित CM क्यों नही बनाया..
क्योंकि ये जानते है राष्ट्पति केवल रबर स्टाम्प होता है जो सरकार के इशारे पर काम करने को मजबूर होता है और CM सम्पूर्ण सर्वेसर्वा ....
साथियो याद रखना भाजपा की विचार धारा मनुस्मृति आधारित है और ये लोग हरसंभव प्रयास कर रहे है देश को संविधान से नही मनुस्मृति के आधार पर चलाने का...
देश मे दलितो पर हो रहे अत्याचारो पर विशेष कर Bjpशासित राज्यो मे इनकी मौन स्विकृति है तथा भक्तो को इनका समर्थन प्राप्त है
याद रखना दोस्तो रामनाथ कोई पहला दलित राष्ट्पति नही होगा ,
इनसे पहले भी डॉ.KR नारायणन दलित राष्ट्पति बन चुके है..
ये मनुवादी ताकतो का दलितो की विकसित होती मानसिकता को बरगलाने की कौशिश है....
ये गाय का मूत्र पीकर पवित्र होने और दलितो को मिलने से पहले साबुन बांटने वालो का अपने अत्याचारो से ध्यान बटाने का नया शिफूगा है...
ये शिकारियो का करोडो़ दलितो का एक ही निशाने मे शिकार करने तरीका है.....
इस रामनाथ के चक्कर मे ये लोग नागनाथ बनके घूम रहे है......
जागते रहो और जगाते रहो.....जय भीम ,जयभारत.

शंकर बेनीवाल (सामाजिक कार्यकर्ता एवं सत्यशोधक)

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