एक के खून में व्यापार है तो दूसरा खून चूसने वाला व्यापारी है
साहेब देश की सबसे बड़ी सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल को अम्बानी के कदमो में रख रहे है !
एक तरफ नोटबंदी से लोगो की कमर तोड़ दी है तो दूसरी तरफ मोदी सरकारी संसाधन अपने चंद उद्योगपति मित्रो की झोली में डाल रहे है ताकि चुनावो में उनका साथ मिलता रहे
और वो देश को उलू बनाते रहे है !
पूरा जियो ही मोदी और अम्बानी का बीएसएनएल को डकारने का षडयन्त्र है
जिसे वो बहुत ही शातिराने तरीके से अंजाम दे रहे है
भक्तो की हुवी गलती का अंजाम भुगत रहा है देश ! हर एक गलती कीमत मांगती है
एक के खून में व्यापार है तो दूसरा खून चूसने वाला व्यापारी है
और ये खून देश के १२५ करोड़ जनता का है चूसते रहिये २०१९ में हाजमा इतना खराब होने वाला है साहेब की जगह नहीं मिलेगी कही हाजमा दुरुस्त करने की
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