पता नहीं इस देश की जनता संवेदनहीन है या सरकार संवेदनशील नहीं है ??
क्या क्या नये नये गुल खिला रही है नोटबंदी ?
एक तरफ तो नोटबंदी से धन ख़त्म हो जायेगा इसकी बड़ी बड़ी डींगे हांकी जा रही है
और
दूसरी तरफ ब्लैक मनी को पिंक मनी में तब्दील करने की सुव्यवस्थित रूप से मुहीम चल रही है |
इतना काफी नहीं था तो अब यह भी खबर आ रही है की राजनितिक पार्टियो को चंदा लेने के मामले में छुट दी जा रही है |
लगता है की सरकार काले धन का फिर से बंटवारा करने के लिए एक बड़ी योजना लागू करने जा रही है ,
और पूरा देश इस फैसले के सम्मान में बैंकों के सामने स्टैंडिंग ओवेशन दे रहा है |
और इन सारी गतिविधियों के बीच कैशलेस इकॉनमी की बात बड़े जोरो से प्रचार में है |
पर
उस इन्टरनेट का क्या करे जो कभी टावर के निचे खड़े रहने पर भी नहीं सिग्नल नहीं पकड़ता |
और
बार बार जनता के हित में भी तो यह इन्टरनेट सेवाए बंद करनी पड़ती है |
कभी पश्चिमी इम्फाल में तो कभी गुजरात में, कभी जम्मू कश्मीर में तो कभी हरियाणा में इन्टरनेट सेवा बंद होती रही है ।
कैशलेस होने के स्थिति में इन्टरनेट सेवा बंद होने पर लेनदेन की क्या व्यवस्था होगी ? यह बहोत बाद सवाल है |
इस बीच यह भी खबर आयी की वेनेजुएला में एक व्यक्ति की मौत के बाद नोटबन्दी का फैसला वापस लेना पड़ा ।
भारत में नोटबंदी के कारण अबतक 100 से ज्यादा नागरिकों की मौत हो गई है।
पता नहीं इस देश की जनता संवेदनहीन है या सरकार संवेदनशील नहीं है ??
क्या होगा ?... चलो देखते है ... गौर करते है नास्त्रेदमस रिटर्न्स की भविष्यवाणी पर की
जब जब भ्रष्टाचार "राष्ट्रवादीता " की खाल ओढ़ेगा तब तब नोटबंदी का योग बनेगा !
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