मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं जो खुलेआम देश के गरीबों को बेईमानी और धोखाधड़ी सीखा रहे हैं.

मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं जो खुलेआम देश के गरीबों को बेईमानी और धोखाधड़ी सीखा रहे हैं.

कल उन्होंने अपने भाषण में जनधन योजना के खातेदारों से कहा कि यदि किसी और ने आपके अकाउंट में पैसा जमा कराया है
तो उसे वापस मत दो. बेईमानी दूर करने के लिए खुद भी बेईमान बन जाओ?
क्या काले धन की चोरी चोरी नहीं होगी?
क्या ऐसा करने से समाज में अराजकता का माहौल नहीं पैदा हो जाएगा?
क्या लोग आपस में लड़ नहीं पड़ेंगे?

फिल्म 'दीवार' में ए. के. हंगल का एक संवाद था- "देश में हज़ारों लोग भूखे हैं, तो क्या सब चोरी करने लग जाएं?"

देश के सबसे बड़े पद पर बैठे व्यक्ति के मुंह से इतनी हल्की बातें अच्छी लगती हैं क्या?
अगर सरकार जानती है कि जनधन खातों में दूसरों का काला धन जमा हुआ है
तो उनकी जांच कराइये और कानून के मुताबिक़ कार्रवाई कीजिये मगर गैर कानूनी काम करने  की सलाह तो मत दीजिये !

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