देश की जनता दो हजार के लिए तरस रही है और बीजेपी नेताओं से पकड़े जा रहे है करोड़ो रुपये के नए नोट
देश की जनता दो हजार के लिए तरस रही है और बीजेपी नेताओं से पकड़े जा रहे है करोड़ो रुपये के नए नोट
क्या है इसकी वजह l नोटबन्दी के एक महीने बाद भी कहीं लोग पैसों के लिए तड़प रहे हैं
तो कहीं पैसों की वजह से लोगों की जानें जा रही हैं।
आम नागरिक दो-दो हजार के लिए दिनभर लाइन में लग कर भी हासिल नही कर पा रहे है
वहीं बीजेपी नेताओं के पास लाखों, करोड़ो रुपए के नए नोट लगातार पकड़े जा रहे हैं।
आखिर इसकी वजह क्या है?
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालाधन और भ्रष्टाचार की बात कहकर 8 नवंबर 2016 को देश के नाम अपने संबोधन में अचानक देश से 500 और 1000 के नोट को चलन से बाहर कर दिये।
जिसके बाद से ही देश में हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है।
लोग बैंको पर लंबी-लम्बी कतारों में खड़े है।
और बैंक कह रहे हैं कि उनके पास नकदी नहीं है।
एटीएम से नोट निकल नही रहे।
सरकार कह रही है नकदी की कोई कमी नही है।
लेकिन इन सबके बीच एक चीज जो सबसे ज्यादा चौकाने वाली है।
वह है नोटबंदी के बाद देश के कई इलाकों में बीजेपी के नेताओं से करोड़ों के नए नोटों का बरामद होना है।
तो क्या बैंकों और एटीएमों में नकदी इस लिए नहीं है कि बीजेपी नेताओं के पास नोटबंदी के पहले ही दो-दो हजार के गुलाबी नोट पहुंचा दिए गए हैं?
क्यों कि मोदी सरकार खुद कह रही है कि नकदी की कोई कमी नही है।
अभी हाल ही में कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स की टीम ने बीजेपी नेता मनीष शर्मा और कुछ अन्य आरोपियों को 33 लाख की नई करेंसी और हथियारों के साथ रानीगंज कोयला बेल्ट से गिरफ्तार किया था।
इससे पहले भी तमिलनाडु में बीजेपी की युवा इकाई के एक नेता जेवीआर अरुण बीस लाख रुपए की नई करेंसी के साथ गिरफ्तार हो चूका है।
ये वही आदमी है जो प्रधानमंत्री के नोटबंदी के फैसले का बढ़चढ़ कर स्वागत कर रहा था। पुलिस को उसके पास से करीब 20 लाख रुपए के नए नोट मिले जिसका कोई स्रोत वो बता नहीं सका।
इससे पहले आठ नवंबर को महाराष्ट्र के सोलापुर स्थित लोक मंगल समूह की एक कार से 91.50 लाख रुपये नकद बरामद हुए हैं।
इस समूह के प्रमुख वरिष्ठ बीजेपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री सुभाष देशमुख जी हैं।
नोटबन्दी के बाद से अब तक जहां भी भारी मात्रा में नए नोट बरामद किये गये या कालाधन को नए नोट के रूप में सफेद करने की बात आयी वहां बीजेपी का नाम भी जुड़ा पाया गया है।
एक तरफ तो बीजेपी कालाधन की बात करती है वहीं दूसरी तरफ नोटबंदी के बाद से बीजेपी के नेताओं के पास से ही नए नोट बरामद हो रहे हैं। इसके बाद सवाल उठता है कि बीजेपी के पास इतनी ज्यादा मात्रा में नए नोट कहां से आ गए?
पीएम मोदी ने 8 नवंबर को देश के संबोधन में कहा था कि नोटबंदी की बात को सरकार की तरफ से गुप्त रखा गया है
लेकिन उसके बाद बीजेपी के नेताओं के पास नए नोटों के मिलने से बीजेपी पर सवाल उठना लाजमी है।
लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या उन्हें ये पैसे नोटबंदी के पहले ही दे दिए गए हैं
या फिर नोटबंदी के बाद सरकार या बैंक उनके पुराने नोटों के बदले उन्हें स्पेशल डिलीवरी दे रहे हैं?
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