आर्थिक व्यवस्था से देश कितना बर्बाद होगा ?

देश की 90% जनता को भूख और कंगाली में ढकेल देने वाले प्रधानमंत्री की बेशर्मी देखना है तो
आगरा में हुई भाजपा की “परिवर्तन रैली” में देखिए,
देश में भूखे नंगे गरीब 60 लोग इस नोटबंदी के कारण मृत्यु की काल को प्राप्त हो गये
और प्रधानमंत्री देश के मात्र 5-7% लोगों में अपने निर्णय से मचा भगदड़ बता रहे थे।
उन्होंने यह नहीं बताया कि इन 5-7% लोगों में कितने उनके फैसले से मरे
या इनके यहाँ से काले धन प्राप्त हुए,
और सबसे बड़ी बात तो यह है कि इन 5-7 % लोगों के यहाँ मौजूद कालेधन को सीधे पकड़ने की जगह देश की 90% जनता को भूखा नंगा
और कंगाल कर देना कहाँ तक उचित है ?
हकीकत यह है कि प्रधानमंत्री देश की 90% भूखी और कंगाल जनता को अपने लच्छेदार भाषणों से फिर अभिनय करके भरमाने की कोशिश कर रहे हैं,
अजीब बेवकूफ इंसान है कि मात्र 11 दिन में देश में हाहाकार मचा हुआ है
उसे देखने की बजाए 50 दिन ऐसे ही मरते रहने का उपदेश दे रहा है
और यह भी नहीं सोच रहा है कि इन 50 दिनों में ऐसे ठप्प व्यापार और आर्थिक व्यवस्था से देश कितना बर्बाद होगा ?

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