मुस्लिम पार्टी का डर दिखाकर ध्रुवीकरण कर सकें...
कभी सीमा पार नार्मल सर्जिकल स्ट्राइक का हव्वा बनाना
कभी कामन सिविल कोड का शिगूफा
कभी गौआतंकियों का दलितों और मुसलमानों को मारना
कभी jnu में पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारे
कभी संघियों और abvp की गुंडागर्दी
कभी फर्जी मुठभेड़ में बेगुनाह मुसलमानों कोमारना...!!
क्या आपने कभी सोचा है कि यह सब हथकंडे क्यों अपनाये जा रहे हैं....?
संघियों की यह साज़िश मुसलमानों को मुश्तइल करने के लिए हैं
ताकि मुसलमान मुश्तइल होकर मुस्लिम पहचान रखने वाली राजनीतिक पार्टी के फेवर में गोलबंद हो...
और बाकी बहुसंख्यक जनता को मुस्लिम पार्टी का डर दिखाकर ध्रुवीकरण कर सकें...
यही इनका असल मकसद है क्योंकि ये लोग राज्यसभा में कमजोर हैं अपनी मनमानी खुलकर नहीं कर पा रहे हैं इनके पैरों में बेड़ियाँ पड़ी हुई हैं संख्या बल की...!!
इनका एजेंडा अच्छी तरह समझने के लिए गोलवलकर की किताब बंच आफ थाट्स देखिये
ये लोग धीरे धीरे उसी रुख पर आगे बढ़ रहे हैं
ऐसा नहीं है कि देश की बहुसंख्यक जनता जानती नहीं है भगवा एजेंडे को...
जनता की आंखें खुल जाती हैं मगर ये लोग साम्प्रदायिक खेल दिखाकर बंद कर देते हैं..!!
हमें इनका साम्प्रदायिक ऐजेंडा ध्वस्त करना होगा... .
सब्र कीजिए और राजनीति का जवाब राजनीति से दीजिए..!!
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