लेकिन ऐसा लगता है आपने जनता को द्रोपदी समझ लिया है ।

आदरणीय मोदीजी !

आपके चेले -चपाटी ज्ञान पेल रहे है थोड़ी तकलीफ होगी झेल लीजिए क्योंकि इस से राष्ट्रनिर्माण होना है

बिलकुल ठीक ! वैसे भी इस थोंप दिए गए निर्णय को मानने के अलावा किसी के पास कोई चारा नहीं है फिर भी अगर बात "राष्ट्रनिर्माण" की है तो हम अपना मन और अपनी भावनाएं इस से जोड़ लेते है । हम तैयार है ये "थोड़ी तकलीफ" झेलने के लिए ।

लेकिन ये बताइये हर बार ये त्याग की रसीद जनता के ही नाम क्यों फटती है ?

सब्सिडी छोडे जनता, टैक्स दे जनता, बैंक की लाइन में लगे जनता, तय तारीख से पहले केबल हटा के DTH लगाए जनता

ये राष्ट्रनिर्माण का कद्दू हर बार जनता के पिछवाड़े ही क्यों कटता । ऐसा क्या भकोस के बैठी है जनता जो सब यहीं से निकलेगा ।

ऐसा क्यों नहीं करते ये राजनैतिक दलों को 20,000 तक के चंदे के दानदाता का नाम नहीं बताना पड़ता इसे बंद कीजिए । हाँ आपकी जमात के बागड़बिल्लों को थोड़ी तकलीफ होगी । चुनावी रैलियों में हेलीकॉप्टर नहीं उड़ पाएंगे, एक चोट्टे के लिए पचास पचास सौ सौ कारों के काफिले नहीं जुट पाएंगे । थोड़ी तकलीफ तो होगी लेकिन "राष्ट्रनिर्माण" होगा ।

ऐसा क्यों नहीं करते ये जो बड़े बड़े उद्योग घरानों को कई कई लाख करोड़ की टैक्स रिबेट दे देते है, इनके जुर्माने माफ़ कर देते है, औने पौने दाम पे इन्हें प्राकृतिक सम्पदाएँ दे देते है इसे बंद किया जाए । हाँ इन अय्याश धनकुबेरों को थोड़ी तकलीफ होगी लेकिन "राष्ट्रनिर्माण" होगा ।

ऐसा क्यों नहीं करते की रिश्वत के लिए काम अटकाने वाले अफसरों और जजों पर हर काम और हर केस की तय सीमा बनवा दें । हाँ इस से इन मुटल्लों के बीपी शुगर ऊपर नीचे होंगे लेकिन "राष्ट्रनिर्माण" होगा ।

आपने आज तक योजनाओं के नाम पर जितनी नौटंकी मचाई जनता ने भोले लेकिन पूरे मन से साथ दिया ।

चाहे नमामि गंगे हो, योग दिवस हो, स्वच्छ भारत अभियान हो या कुछ और, देश गवाह है आपके नेता पहले दिन आते है सेल्फियाँ चमका के चंपत हो जाते है लेकिन जनता ने हर बार आपका साथ दिया है ।

लेकिन ऐसा लगता है आपने जनता को द्रोपदी समझ लिया है । जब मूड हुआ, जब हवाबाजी सूझी लगे चीर खींचने ।

बेहतर होगा ये "राष्ट्रनिर्माण" का लॉलीपॉप सब में बराबर बाँटे ।

Comments

Popular posts from this blog

ना हिंदू बुरा है ना मुसलमान बुरा है जिसका किरदार बुरा है वो इन्सान बुरा है. .

क्या वाल्मीकि जी मेहतर/भंगी थे?

हर चमार महापंडित है सूर्यवंशी हैं