नकली देशभक्ति का असली अहसास होता।
नोट के लिए देश भर में हाहाकार मचा है।
लोगों की जिंदगी तहस नहस हो गई है।
सारा देश लाइन में खङा है।
अनेक मासूमों की जान गई है।
जब तैयारी नहीं थी तो इतना बङा फैसला क्यों लिया..
देश के लिए थोङी तकलीफ सहने की नसीहत देने वालों का कोई सगा इस अफरा तफरी में जान गंवाता
या 4000 के नोट बदलवाने के लिए घंटों भूखा प्यासा लाइन में खङा रहकर शाम को खाली हाथ घर लौटना पङता
तब नकली देशभक्ति का असली अहसास होता।
यह जानलेवा चुनावी नौटंकी है
जिसके राजनीतिक नफा नुकसान की बात छोङ दें तो दीर्घकालीन फायदे होने की संभावनाएं बहुत कम दिख रही हैं।
भ्रष्टाचार, जमाखोरी, ड्रग माफिया, नए नोटों की नकल..
इन सब पर स्थायी और कारगर नियंत्रण के लिेए किसी जादु की छङी का आविष्कार कर लिया है क्या..
धन लिप्सा की जङ जिन शातिर लोगों के कलेजे में बसती है
वे नए नए तोङ निकाल चुके होंगे।
पहले अरब देशों की तरह कोङे लगाने या चीन की तरह फांसी पर लटकाने का कानून पास कराइए
अन्यथा नोटबंदी का कदम तुगलकी फरमान ही सिद्ध होता प्रतीत होता है।
Comments
Post a Comment