काले धन का स्वच्छता अभियान ईन लोगो से शुरू करना चाहीये था...
अपनी जरूरतों के लिए बैंको में धक्के खा रही
और अपनी छोटी छोटी बचत से बचाए हुए धन को बैंक में जमा कर आर.बी.आई.का कोष भरने वाली आम जनता को ये मालूम होना चाहिए
-- मात्र 57 लोग बैंको का 850000 करोड़ दबाये बैठे हैं
और सरकार सुप्रीम कोर्ट के कहने के बावजूद उनका नाम तक नहीं बता रही है
वसूली तो जाने दीजिये !
-- इसी सरकार की नाक से नीचे विजय माल्या देश का 9000 करोड़ रुपया लेकर विदेश भाग गया !
-- साहेब के प्रमुख चुनावी फायनेंसर मुकेश अम्बानी के रिलायंस ग्रुप पर 125000 करोड़ का बैंक क़र्ज़ है
(ये उतनी रकम के बराबर है जितना माननीय प्रधान प्रचारक जी ने बिहार को आर्थिक पॅकेज के रूप में देने का वादा किया था ) !
-- शशि रुईया और रवि रूईया के एस्सार समूह पर भी 101000 करोड़ का बैंक क़र्ज़ है
( ये रकम सौ स्मार्ट सिटी बनाने के अनुमानित व्यय के बराबर है ) !
-- अनिल अग्रवाल के वेदांत ग्रुप ने बैंकों से 101000 करोड का क़र्ज़ लिया है
( ये रकम भारत सरकार ने टेलिकॉम स्पेक्ट्रम की नीलामी से वसूलने के पश्चात प्राप्त रकम के बराबर है ) !
-- प्रधान व्यापारी के परम मित्र और विदेश यात्रा के सहयात्री अडानी ग्रुप पर 93000 करोड़ का बैंक क़र्ज़ है !
-- जेपी ग्रुप पर 75163 करोड़ का बैंक क़र्ज़ है !
-- सज्जन जिंदल ग्रुप पर 57171 करोड़,
ये वही जिंदल हैं जिनकी वजह से मोदी जी नवाज़ शरीफ से मिलने बिना बुलाये पाकिस्तान पहुँच गए थे
(ये रकम 26 राफेल फाइटर जेट की कीमत के बराबर है ) !
-- इंदिरा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने वाले जी.एम.आर. ग्रुप पर 47973 करोड़
(ये रकम 4000 मेगावाट की विद्युत परियोजना के व्यय के बराबर है ) !
-- लैंको ग्रुप पर 47102 करोड़ का क़र्ज़ है !
-- वीडियोकान पर 45405 करोड़
( भारत द्वारा मंगल यान भेजने की कुल रकम के बराबर ) !
-- जी.वी.के.ग्रुप पर 33933 करोड़ का बैंक क़र्ज़ है !
मेरी गणित थोड़ी कमजोर है
इसलिए सारी राशि का कुल योग नहीं किया है ,
पर वित्त मंत्री जी, आर.बी.आई के गवर्नर साहब और प्रधान मंत्री को तो इस रकम का कुल योग अवश्य मालूम होना चाहिए था
और काले धन का स्वच्छता अभियान ऊपर से शुरू करना चाहिए था .. !
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