मोदी साहब तो मीडिये के भूखे ।कुछ भी सनसनी फैलाकर भाग लेते ।

1000,500 के पुराने नोट पर मोदी जी का बड़बोलापन गैरकानूनी ही नहीं 
जनता में अफरा तफरी मचाने वाला बयान था कि अब से ये पुराने नोट बन्द, 
अब ये महज एक कागज का टुकड़ा ।
इतना बयान ही जनता में अफरा तफरी मचा रखी।
हर काम अचानक रुक गया ,आदमीं जहां फसा फस गया,
मरीजों की दवा रुकी ,होटल में आदमी बेइज्जत हो गया ,
घर का चूल्हा रुक गया क्योंकि RBI रिपोर्ट के मुताबिक 1000,500 के 80% करेन्सी बाजार में है।
जबकि खुद ही कहा कि  December last तक बैंक बदलेगी और April तक reserve. बैंक, 
तब इस रुपये को कागज कह देना अपराध है ।
और।जबकि इन नोटों की वही कीमत last decemberतक है जो अब है, 
और तब तक हम आपस में चला सकते थे थोड़ी मात्रा में 
और हम कुछ लोग काम भी चला रहे क्योंकि हम पूंजि पति नहीं ।
मगर मोदी साहब का ये फिल्मी स्टाइल में कहना कि अबसे ये नोट नहीं चलेंगे अब ये कागज, 
ये बयान गैर जिम्मेदारान और अतार्किक बयान है 
इसीलिये बाजार में सबने तत्काल लेना बन्द कर दिया ।
एक बात और करेंसी पर वचन reserve Bank का गवर्नर रुपये अदा करने का वचन देता है 
भारत सरकार नहीं ।
भारत सरकार महज एक का नोड छापती है तो करेंसी के सम्बन्ध में घोषणा मात्र गवर्नर के द्वारा कराई. जानी चाहिये 
मगर मोदी साहब तो मीडिये के भूखे ।कुछ भी सनसनी फैलाकर भाग लेते ।

from-वीरु कठेरिया एडवोकेट।इटावा।

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