गुजरात के अखबार को छह महीने पहले ही थी जानकारी

दरअसल दैनिक जागरण वेब ने 26 अक्टूबर 2016 को एक खबर प्रकाशित की थी।
वहीं प्रिंट में 27 अक्टूबर 2016 को प्रकाशित की गई थी।
इसमें साफ तौर पर नोट बंद की जानकारी तो नहीं दी गई थी लेकिन इशारा किया गया था।
इसकी हैडिंग थी.... 
अब आएगा दो हजार का नोट, 
खबर में लिखा था....
''कानपुर (बृजेश दुबे)। केंद्र सरकार काला धन निकालने के लिए जल्द ही नया कदम उठा रही है,
जिसके लिए सरकार दो हजार रुपये का नोट जारी करने की तैयारी में है।
आरबीआइ जल्द ही हाई सिक्योरिटी फीचर वाले दो हजार रुपये का नोट प्रचलन में ला सकती है।
इसके साथ ही जाली नोटों पर अंकुश लगाने के लिए एक हजार व पांच सौ रुपये के नोट को लेकर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
गुजरात के अखबार को छह महीने पहले ही थी जानकारी!
ये तो हालिया लीकेज की घटनाएं हैं।
गुजरात के एक अखबार ने तो अप्रैल में ही यह खबर छाप दी थी।
इस खबर की क्लिप तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
गुजरात के सौराष्ट्र बेस्ड अखबार अकीला ने एक अप्रैल को यह खबर प्रकाशित की थी।
हालांकि इसे अप्रैल फूल बनाने वाली खबर माना गया। 
लेकिन महज संयोग कहना गलत होगा क्योंकि इस खबर में ताजा मामले की सारी जानकारी उसी समय दे दी गई थी।
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ध्यान दीजिए:---
आप बैंक , पोस्ट ऑफिस आदि जगहों पर नोट बदलने आने वालों की भीड़ पर नजर दौड़ाइये... 
कितने लोग इम्पोर्टेड या महँगी कारो से उतरने वाले लोग है...
ख़ास बात ये है कि मध्यम वर्ग के जिन लोगो ने कुछ बचत के रूपये बैंकों में जमा नहीं करवाये होंगे.. 
उनको अब ये रूपये बैंकों में जमा करवाने पड़ेंगे। 
ताकि अडानी अम्बानी आदि को लोन दिया जा सके... 
और अर्थव्यवस्था के खराब होने पर ये लोग माल्या की तरह आसानी से भाग सकें...
अगर सरकार 2000 के नोट जारी करने की घोषणा नहीं करती तो ये सिर्फ एक शक हो सकता था.. 
पर अब इस बात के होने की संभावनाएं प्रबल हो रही है।

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