क्या भारत जैसे महान और लोकतांत्रिक देश में देशभक्ति इतनी सस्ती हो गयी है?
क्या देश में सरकारों से सवाल करना गलत है।?
क्या देश में लोकशाही है या तानाशाही?
आज देश में सरकारों के फैसलों पर सवाल करने पर। लोगो को और विपक्षी दलो के नेताओ को बहुत से बीजेपी के चमचे उन्हें देशद्रोही ,गद्दार ,पाकिस्तानी ,और गन्दी गाली-गलोच करने लगते है।
ऐसा लगता है देश में देश उनके बाप का है। लोकतंत्र में सरकारों से सवाल पूछना और सरकारों के फैसलों पर सवाल खड़े करना हर किसी नागरिक का अधिकार है। अगर ये बंद हो गया तो लोकतंत्र ख़त्म हो जायेगा। और देश में फिर गुलाम हो जायेगा।
आज की हालत देख कर लगता है जो सरकार के काम सवाल उठाये वो देशद्रोही और गद्दार है।
आमिर खान कहे की देश में असहिष्णुनता है तो वो देशद्रोही बना दिए जाते है।और वही आमिर खान सरकार के नोटबंदी के फैसले का समर्थन कर दे तो वो फिर देशभक्त बन जाते है।
क्या भारत जैसे महान और लोकतांत्रिक देश में देशभक्ति इतनी सस्ती हो गयी है?????????
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