क्या इस देश में मुसलमान होना जुर्म है,

अगर आप मुस्लिम हैं तो तैयार रहें
अगला नम्बर आप ही का है

 हमारे देश में,अब मुसलमान होना और फिर पढ़ लिख कर आगे बढ़ने की कोशिश करना सबसे बड़ा जुर्म समझा जाने लगा है,
अगर आप एक एक्टिव मुस्लिम सिविलियन हैं,
और अपनी क़ौम को आगे बढ़ाने की फिक्र रखते हों,
मज़लूमों को इंसाफ़ दिलाना चाहते हों,
संविधान की बात करते हों,
देश को सेक्यूलर धाराओं पर बाक़ी रखने के लिये मेहनत करते हों तो रुक जाईये,क्योंकि आप एक मोस्ट वांटेड आतंकी बनने के रास्ते पर चल चुके हैं,
अब या तो हिंदुत्व के पुजारी फासीवादी आप को मुल्लावादी
या कट्टरपंथी कह कर पीट पीट कर मार डालेंगें,
या ग़ायब कर देंगें
या फिर खुफिया एजोंसियाँ आपके बारे में एक लम्बी चौड़ी स्क्रिप्ट रिलीज़ करेंगी,
और फिर सिक्यूरिटी एजेंसियों के लोग आप को
इंडियनमुजाहिदीन,सिमी,आई.एस.आई
या किसी पाकिस्तानी संगठन से जोड़ कर एक कुख्यात आतंकी बना देंगें,अब या तो आप 10 से 15 साल जेल में अपनी बेगुनाही का रोना रोयेंगें,
फिर अगर आप के खिलाफ़ कोई सुबूत ना जुट पाया हो तो बिन जज,बिन कोर्ट,बिन क़ानून आप के नाम मौत का परवाना जारी कर दिया जायेगा,और भागने के इल्ज़ाम में खुद ले जाकर या भगाकर आप का एन्काऊन्टर कर दिया जायेगा,
आप को संसद भवन,दिल्ली,मुम्बई, उड़ाने की कोशिश करने वाला बता कर मार दिया जायेगा,
मीडिया आप को एक इंटरनेशनल आतंकी बना देगी और इतिहास में आप  एक टैलेंटेड छात्र या एक्टिव परसन की जगह देश का ग़द्दार और एक खौफनाक आतंकी के रूप में दर्ज कर दिये जायेंगें,

जी हाँ आज के भारत में मुसलमानों के लिये एैसा ही माहोल बना दिया गया है,
31.अक्तूबर को भोपाल में जिस तरह से पुलिस द्वारा आठ एैसे  नौजवानों को दरिंदगी से मौत के घाट उतार दिया गया जो बहूत जल्द अपने ऊपर लगे इलज़ामात के झूठे होने की वजह से बरी होने वाले थे,
जिनके बाइज़्जत बाहर आने से सुरक्षा एजेंसियों के दोहरे रवैय्ये का खुलासा होने वाला था,
किस तरह एक आम मुसलमान को मुजरिम बना कर पेश किया जाता है,इसका भांडा फूटने वाला था,
पुलिस व स्पेशल फोर्सेज़ में जड़ पकड़ चुके मुस्लिम दुशमनी  सबके सामने आने वाला था,

एैसे में बड़े ही मनसूबा बंद तरीक़े से उन्हें जेल से निकाल कर एक ख़ास जगह पर ले जाकर मौत की नींद सुला दिया गया और इस घटना को फरार से लेकर एन्काऊन्टर  साबित करने के लिये एक सिपाही की भी बलि दे दी गई,
इस एन्काऊन्टर का फर्ज़ी होना तो यकीनी लग रहा है,
अब जांच होगी,बहूत सारी परतें खुलेंगी,
सच  क्या है शायद सामने आ भी जाये और ये भी हो सकता है कि इस हक़ीक़त को दबाने के लिये कोई नयी कहानी गढ़ दी जाये,
इस पूरे घटनाक्रम के बारे में रवीश कुमार, परवीण दूबे,शायर इमरान प्रतापगढ़ी, वसीम अकरम त्यागी,कृष्णा कांत,जैसे वरिष्ठ लेखकों व पत्रकारों द्वारा उठाये गये सवालों
के बाद कुछ और नहीं कहना है,

सवाल ये है कि आतंकी बनाने की इस फैक्ट्री में जब नाकामी हाथ आती है तो क़ानून  के रखवाले खुद अपने हाथों क़ानून का जनाज़ा क्यों निकालने लगते हैं?

आखिर जिन लोगों को आतंकी घोषित करके उनकी जिंदगी बरबाद कर दी जाती है,

उनके बरी होने के बाद  इस तबाही की जिम्मेवारी क्यों नहीं तै की जाती?

मुफ्ती अब्दुल क़य्यूम,निसार अहमद निसार, वासिफ़ हैदरी,इफ़्तेख़ार गिलानी, अब्दुल वाहिद, डॉक्टर फरोग मख्दूमी,शुऐब जागीरदार,मो. आमिर खान, डॉ. मो. युनूस,हाजी मो. जलीस , सनाउद्दीन,जुबैर अहमद,जैसे हज़ारों बेक़सूर मुसलमान जिन्होंने 15. से 20 साल तक आतंकी का लेबल लगा कर गुज़ार दिया,

और सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बाईज्जत बरी कर दिया

या फिर बटला हाऊस,कशमीरी गेट
तेलंगाना,वारंगल,लखनऊ,
और अब भोपाल जैसे सैंकड़ों फर्ज़ी एन्काऊन्टर में मरने वाले बेगुनाह नौजवान,जो बहूत जल्द रिहा हो कर सरकारों की टेरर पालिटिक्स का पर्दाफाश करने वाले थे,
इन सब का ज़िम्मेदार कौन है??

क्या इस देश में मुसलमान होना जुर्म है,
अगर एैसा ही है तो लोकतंत्र के सौदागरों को चाहिये कि सारे मुसलमानों को एक ही बार में आतंकवादी क़रार दे कर मौत के घाट उतार दें,
अगर एैसा नहीं कर सकते.
तो लोकतंत्र के मापदंडों को जिंदा करना और हर समाज से इंसाफ़ करना सरकार,न्यायपालिका,और क़ानून का फर्ज़ है,
वरना अगर यूँ ही आतंकी बनाने,
और फिर मौत के घाट उतारने का सिलसिला चलता रहा
तो याद रखिये इस देश में मुसलमानों,दलितों,आदिवासियों और ना जाने किस किस समुदाय का खून बहेगा
और संघ के कार्यकर्ता इसे राम राज्य की स्थापना समझेंगें,
और हां नजीब,मिनहाज,तीन तलाक़, घोटालों,स्केंडल्स,और नित नये मुद्दों को दबाने के लिये इस तरह  का  क़त्ल ए आम सरकार की चूलें हिला डालेगा,

मेहदी हसन एैनी के क़लम से

Comments

Popular posts from this blog

ना हिंदू बुरा है ना मुसलमान बुरा है जिसका किरदार बुरा है वो इन्सान बुरा है. .

क्या वाल्मीकि जी मेहतर/भंगी थे?

हर चमार महापंडित है सूर्यवंशी हैं