मैं तुम्हारे दैनिक जीवन सुगमता की धज्जियां उड़ा दूंगा, देशहित में चुप रहो

पिछली सरकारों के हर फैसले पर भारत बंद और संसद ठप्प करने का विश्वरिकार्ड बनाने वाले लोग अब सत्ता में हैं
(चाहे वो जनता के भले के लिए ही क्यों ना रही हो !)
ये लोग अब जनता से कह रहे हैं -

मैं तुम्हारी थाली से नमक, रोटी और प्याज तक छीन लूँगा ।
तुम देशहित में अपनी जबान बंद रखो ।

मैं तुम्हारे बच्चों, बहनों,भाइयों की शादियाँ रूकवा दूंगा ।
तुम देशहित में खामोश बने रहो ।

तुम्हारे घर में कोई बीमार व्यक्ति हो तो उसका इलाज़ ठीक से ना हो पाये इसका पूरा ख्याल रखूंगा
तुम सिर्फ देशहित में अपनी जबान पर ताला लगाकर रखो ।

घर के किसी सदस्य के अवसान पर उसका अंतिम संस्कार तक ढंग से नहीं होने दूंगा देशहित में चुप रहो ।

मैं तुम्हारे दैनिक जीवन सुगमता की धज्जियां उड़ा दूंगा,  देशहित में चुप रहो

एक बात और - अपने हर जनविरोधी फैसलों को जायज ठहराने के लिए सीमा पर खड़े सैनिकों का उदाहरण देते हुए ये एकदम भूल जाओ
कि उसी सैनिक की बूढी माँ,
उसका लाचार पिता,
उस सैनिक पर आश्रित उसकी बहन,
उसका भाई, असहाय पत्नी, निरीह बच्चे
और तो और खुद वो रिटायर सैनिक भी उसी लाइन में खड़े होकर पुलिस की लाठियां खा रहे हैं
और धक्का मुक्की सह रहे हैं  ।

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