जनता के मन कि बात 11 सवाल सिधे मोदीजी से?
1) क्या यह नहीं किया जा सकता था कि, पहले 1000 का नोट बन्द किया जाता और 500 के नोट को कुछ दिनों के बाद बंद कर देते???
2) क्या शुरुआत में मार्केट मे 2000 का नोट उतारना बेवकूफी भरा निर्णय नहीं माना जायेगा ? बड़े बड़े विद्वान् आपको यह तक नहीं बता पाए क़ि 100 के बाद सीधा 2000 का नोट को मान्य बनाना अव्यहवारिक निर्णय है ???
3) क्या 2000 की जगह 500 के नए नोट को तुरंत लांच नहीं किया जाना चाहिए था, जो आज आपको मजबूरन करना पड़ा ,अगर... 500 का नोट तुरंत लांच कर देते तो यक़ीनन इतना पैनिक क्रिएट नहीं होता ???
4) क्या पहले यह सुनिश्चित नहीं कर लेना चाहिए था कि 6 महीने पहले से 500 और 1000 के नोट एटीएम में डाले ही नहीं जाए और 8 नवम्बर से पहले बाजार में बड़ी संख्या में 100 और 50 के नोट उपलब्धता हो जाये इससे कौन सी सीक्रेसी आउट हो जाती???
5) आप को शुरुआत से ही मालूम था कि लगभग 86 प्रतिशत मुद्रा को आप अमान्य घोषित कर दोंगे तो उसके रिप्लेसमेंट में क्या 100 और 50 के नोट पहले से छाप कर देश के अलग अलग भागो मे नहीं रखवाये जा सकते थे ???
6) क्या बेनांमी संपत्तियों पर छापे मारने की कार्यवाही करना नोटबंदी से कुछ दिन पहले से पूरे जोरशोर से नहीं की जा सकती थी ???
7) क्या पुलिस से 8 नवम्बर को सभी शहरो के सराफा बाजार और सोने चांदी की दुकानों को रात 8 बजे अनिवार्य बंद नहीं करवाया जा सकता था???
8) क्या किसान और मंडियों की कैश प्रणाली के अल्टरनेट के रूप में कोई कार्य योजना आपने तैयार करना नहीं चाहिए थी???
9) क्या 6 महीनो के अंदर मोबाइल से भुगतान करने की प्रणाली को जोरशोर से बैंकों या सरकार के माध्यम से चालू नहीं किया जा सकता था (एक विदेशी कंपनी paytm ये काम कर सकती है तो सरकार क्यों नही कर सकती)???
10) क्या आधार कार्ड के बायोमेट्रिक डाटा के आधार पर तुरंत हर व्यक्ति को 4000 बदल कर देने की सुविधा नही दी जा सकती थी???
11) नए नोटों का डिजाइन ,कागज और रंग भले ही बदल दिया जाता पर उनका साइज न बदला जाता तो एटीएम मशीनों को रिकेलिब्रेट करने की कोई जरुरत ही नहीं पड़ती???
जवाब दिजीए मोदीजी,अब तक आप की बकलोली बहोत सुनी,अब भारत की जनता आपकी इस मूर्खतापूर्ण कार्यवाही का जवाब चाहती हे।
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