ये 1000 और 500 नोट बंद करने का नाटक आखिर है क्या???

ये 1000 और 500 नोट बंद करने का नाटक आखिर है क्या ???
इसे समझने के लिए एक बात समझ ले की मोदी सरकार ने अब तक 1 लाख 40 हजार करोड़ रुपये के ऋण पूंजीपतियों के माफ़ कर दिए है
अब वो माफ़ तो हमारी ही अर्थव्यवस्था से किये गए है ,
अब इतनी मोटी रकम माफ़ करेंगे तो उसे वापस भी तो अर्थव्यवस्था में लगाने पड़ेंगे नही तो सारी व्यवस्था चरमरा जायेगी ,
इसी को npa कहते है
अब वापस अर्थव्यवस्था में पैसे डालने के लिए और जो पूंजीपतियों का सरकार ने ऋण माफ़ किया है
जिससे देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गयी है उससे देश की अर्थव्यवस्था को वापस स्थिर करने के लिए ये 1000 और 500 नोट का खेल खेला गया है
ताकि बंद करने के नाम पे सरकार और अधिक पैसे या नोट छाप कर सरकार देश की आर्थिक व्यवस्था वापस ठीक करदे .....
मुझे लगता है अब आप लोग ये 1000 ,500 नोट बंद करने का चक्कर समझ गए होंगे ....
तो थोडा भक्तों को समझाने का प्रयास भी करें ताकि ये जो मुर्ख भक्त जो हर हर मोदी कर के अरहर महंगा कर रहे है
इन मूर्खो को भी कुछ समझ आये ...
इस देश को पूंजीपतियों के हाथों बेंचा जा रहा है
बस आप इसे समझ नही पा रहे है
और कुछ मेरे अपने भी इस ढोंगी के मायाजाल में फंस गए है
तो दोस्तों समझ जाइए अब भी समय है ....
ये आदमी जो 50 दिन मांग रहा है
ये सिर्फ देश की जनता को पागल बना रहा है और कुछ नही कर रहा है ....

सौ-हेमन्त पारीक

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