आख़िरकार मुसलमान को मारने पर शहीद का दर्जा मिलने लगा??

याकूब के जनाजे में उमडी भीड़ पर सारी मुस्लिम कौम को घेरने वाले संघी,  दादरी में अखलाक की हत्या के आरोपी की जेल में हुई मौत के बाद उसकी लाश पर तिरँगा डाले जाने पर चुप क्यों हैं???

सारे भाजपा नेता व छद्म हिन्दूुत्ववादी नेता वँही भाषण दे देकर लोगों की भावनाएँ भडका रहे हैं,  उस आरोपी को शहीद बता रहे हैं... आखिर इसने कौन सा ऐसा देशभक्ति का काम किया था सिवाय इखलाक को मारने के? आख़िरकार मुसलमान को मारने पर शहीद का दर्जा मिलने लगा? यही तो है अच्छे दिन।

क्यों ना तुम लोगों को भी अलगाववादी समझा जाए

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