तीन तलाक के बाद अगला "एपिसोड" बिल्कुल तैयार है !

*लव जिहाद
*घर वापसी
*गौ मांस
*गौ रक्षा
*सहिष्णुता
*असहिष्णुता
*शाहरुख़ खान
*आमिर खान
*JNU
*भारत माता की जय
*कश्मीर
*बांग्लादेश
*पाकिस्तान
*सर्जिकल स्ट्राइक

इन सभी ( ऐतिहासिक कारनामो ) में पूरे तीन साल मिडिया को व्यस्त रख कर (  आम आदमी के बुनियादी सवालों  ) को परिदृश्य से गायब कर दिया गया !

कभी आपने टीवी पर सरकारी शिक्षा के गिरते स्तर पर बहसें देखीं हैं ?

कभी आपने जनसख्या विस्फोट पर कोई टीवी डिबेट देखा ?

कभी आपने ग्रामीण भारत में आज भी हो रहे बाल विवाह की समस्या पर "एक्सपर्टों" की कोई टीम टीवी पर देखि ?

कभी आपको भूमिहीन लोगों के जीवन पर कोई चर्चा देखने को मिली ?

कभी आपको सड़को पर भीख मांगते बच्चों के पीछे लगा कोई कैमरा देखा ?

नालों फुटपाथों पर जिंदगी को कूडे के ढेर की तरह ढोते हुए लोगों की जिंदगियों पर कभी कोई चिल्लाता हुआ नजर आया क्या ?

मिडिया को *व्यर्थ के मुद्दों पर व्यस्त रख कर बहुत बड़े बड़े "कारनामे" किये जा रहे है और हमें इसकी भनक तक नहीं !

जाकिर नाइक  पुराना हुआ तो सलमान खान, शाहरुख खान है न ?

"फर्जिकल स्ट्राइक" से जी भर गया हो तो अब नया शिगुफा  तैयार है न !!

"समान नागरिक संहिता"
   Uniform civil code

कुछ सप्ताह "तीन तलाक" पर अपने राष्ट्रवाद पर इतराओ, इसके बाद

अगला "एपिसोड" बिल्कुल तैयार है !

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