अब सबूत पेश करना देशहित में नहीं हैं तो ढिंढोरा पीटना देशहित में कैसे था?
देखो भाई— तुमने खुद से ढिंढोरा पीटा कि बच्चा हुआ
है। ढोल नगाड़े बजवाये तो तुमने बजवाये। लाउडस्पीकर पर एलान करवा कर तुम बताये कि तुम मर्द हो और बाप बने हो। आतिशबाज़ी करा कर तुमने दुनिया
को दिखाया। हिजड़ों को बुला कर बधाइयाँ तुमने लीं...
और अब जब गंगुवा पूछ रहा है कि लड़का हुआ या लड़की तो उसे गद्दार बता रहे हो—
उसकी देशभक्ति पर सवाल उठा रहे हो— उसे
पकिस्तान भेज रहे हो। ऐसा क्यों— जब बच्चे को सामने लाना
ही नहीं था तो यह तमाशा किया
ही क्यों? अगर सेना ने वैसी सर्जिकल
स्ट्राइक की— जैसी तुमने
मीडिया का सहारा ले कर प्रचारित की, तो
उसे साबित करने में भला कैसी शर्म... यह ढिंढोरा भी तो खुद तुमने पीटा था न
की हमने स्ट्राइक की वीडियोग्राफी कराई है। अब जब लोग मांग रहे हैं तो दे दो वीडियो— उसमे काहे की
झिझक। और अगर अब ये राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मसला लग रहा है तो पहले उसका ढिंढोरा ही क्यों
पीटा? सेना किसी मोदी/पर्रिकर
की मोहताज थोड़े है— उसने पहले भी
ऐसे कारनामे किये हैं और आगे भी करेगी,
पर पहले कभी इसका ढिंढोरा नहीं
पीटा गया। तुमने पीटा है तो
जवाबदेही भी तुम्हारी
ही है— अब अगर सेना के काम का क्रेडिट पोस्टर बैनर लगा कर, दिन रात मीडिया द्वारा गुणगान करा कर तुम ले रहे हो तो केजरीवाल के सवाल सेना से कैसे हो गये?
तुमसे न हुए? उडी में 18 सैनिक मरते हैं
और दुनिया जानती है— बारामुला में एक सैनिक मरता
है, दुनिया जानती है और हम चालीस-
पचास मार आये और कहीं से भी साबित
नही हो रहा— ऐसा कैसे? आज पाकिस्तान
अंतरराष्ट्रीय मीडिया को LOC पर ले
जाकर, भारत के दावे को झूठ करार देकर, हमें चुनौती
दे रहा है कि ऐसा कुछ हुआ है तो साबित करो— आज नियंत्रण
रेखा पर UN की तरफ से 24 घंटे नज़र रखने वाले
ऑब्ज़र्वर कह रहे हैं कि नियंत्रण रेखा पर किसी
भारी सैन्य अभियान के सबूत नहीं मिले तो
इसमें किसकी बेइज़्ज़ती? भारत
की या पाकिस्तान की? अरे दो सबूत और
झूठ साबित करो पाकिस्तानियों को— शर्मिंदा करो कमबख्तों को और इस
UN के बच्चे को... छुपाने की क्या ज़रुरत है, और
ज़रुरत है तो पहले गाया ही क्यों? पहले
की सरकार ने भी ये सर्जिकल डिलीवरी की थी
और चुप रहे थे— कहीं कोई सवाल उठा था क्या?
अब सबूत पेश करना देशहित में नहीं हैं तो ढिंढोरा पीटना देशहित में कैसे था?
दूसरों को उपदेश दे रहे हो कि सर्जिकल स्ट्राइक पर राजनीति न करें, ये राष्ट्रहित में नहीं और खुद बैनर होर्डिंग लगा कर
दुनिया को बताओ कि कैसे हमने इस सर्जिकल स्ट्राइक के नाम पर
पाकिस्तान को घर में घुस कर मारा— ये राष्ट्रहित में है? और
इसी ऐतिहासिक कारनामे की जब कोई
प्रमाणिकता के सबूत मांगे तो वह देशद्रोही,
पाकिस्तानी— यह भला क्या बात हुई?
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