क्या आपको पता हैं. देश पर गम्भीर संकट मंडरा रहा है।
भारत देश की जनसंख्या 1 अरब 25 करोड़ है।
Active Military की संख्या 13 लाख 25 हज़ार है।
इस देश में 2 सैनिकों की हत्या होने की कीमत लगभग 2000 नागरिकों के जीवन पर संकट होने के बराबर है।
सोचिये इस देश के 1 परमाणु वैज्ञानिक की हत्या की क्या कीमत चुकानी पड़ेगी???
लेकिन हम चुका रहे हैं।
हम में से अनेक व्यक्ति इस बात से अनजान हैं।
हमें ये पता है की आज सलमान ने क्या किया ?
मोदीजी ने क्या पहना ?
या केजरीवाल ने कितनी बार खाँसा ?
लेकिन क्या हमें ये पता है की वर्ष 2009 से 2016 के बीच इस देश के 10 सीनियर परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या कर दी गई ???
ये सभी वैज्ञानिक देश के अनेक projects से जुड़े हुए थे। नहीं पता है ना !!!
क्योंकि अभी हम व्यस्त हैं क्रिकेट वर्ल्ड कप में,IPL में हम busy हैं दिल्ली के ड्रामे में, U.P के होने वाले चुनाव में, और मोदी के फॉरेन टूर में, हम व्यस्त हैं उन टी.वी. चैंनलो पर चलने वाले प्रोग्रामो और बनावटी दुनिया में, जरा सोचिये ! क्या इन सब चीज़ो में उलझ कर हम अपनी आंतरिक सुरक्षा को खतरे में नही डाल रहे है ? क्योंकि हमारी सरकार के मंत्रियो, M.P, MLA और सरकारी अधिकारी, बाबुओं को रिश्वत, भ्रष्टाचार और घोटाले करने की आदत जो पड गई है, इन्हें देश की चिंता थोड़े ही है।
1995 से लेकर 2015 तक इस देश के 32 केंन्द्रों के 197 परमाणु वैज्ञानिकों की रहस्यमय मृत्यु हुई है। हमें पता ही नहीं।
BARC के वैज्ञानिक M. Padmnabhan (48) की लाश उनके ही फ्लैट में मिली।
सप्ताह-भर से लापता CAG परमाणु-संयन्त्र से जुड़े Senior Engineer L.N. Mahalingam की लाश काली नदी में तैरती पाई जाती है।
वर्ष 2013 में विशाखापत्तनम में Railway track के किनारे 2 वैज्ञानिकों KK Josh & Abhish Shivam की लाश मिलती है, ये दोनों वैज्ञानिक देश की पहली स्वदेशी पनडुब्बी "अरिहन्त" के निर्माण से जुड़े थे।
क्या हमें पता चला इन सबकी हत्या कैसे हुई ???
क्यों News Channels ने हमें इन घटनाओं से बेख़बर रखा ???
इन्हें तो बस हीरो हीरोइन के अफेयर की न्यूज़ और विज्ञापनो की पड़ी है.
इन सबकी हत्याओं में जो तरीके अपनाये गए वे दुनिया की कुछ चुनिंदा खुफिया एजेन्सी ही अपनाती हैं, जिनमें ISI, CIA, KGB, MI6, Mossad और ISI जैसी एजेंसियाँ शामिल हैं।
भारत देश के परमाणु कार्यक्रम के जनक Dr. Homi Jahangir Bhabha की हत्या CIA ने की थी।
हम ना जाने कहाँ खोये हैं, और देश पर गम्भीर संकट मंडरा रहा है।
दूसरी और पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों की संख्या हमसे दुगनी कर चूका है।
✍टी.एस.सुब्रमण्यम.
रिटायर्ड,अध्यक्ष-विज्ञान एवम प्रौघोगिकी विभाग, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान
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