अछूतों के लिए क्या अच्छा और बुरा है मैं देख लूंगा।

बाबासाहेब डॅा आंबेडकर ने अछूतों से अपील की कि मरे जानवर उठाना , उनकी चमड़ी उधेड़ना छोड़ दो। ब्राह्मणों का स्वराज्य मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है वाला बाल गंगाधर तिलक इस खतरे को तुरंत भाँप गया। उसने ताबड़तोड़ आरोप लगाया कि डॅा आंबेडकर अछूतों का दुश्मन है। वह उनका रोजगार छीनना चाहता है। इससे अछूतों को सालाना पाँच लाख का नुकसान होगा। डॅा आंबेडकर ने जवाब दिया कि तिलक को ब्राह्मणों की चिंता करनी चाहिए। अछूतों के लिए क्या अच्छा और बुरा है मैं देख लूंगा। अगर आमदनी के नुकसान की इतनी ही चिंता है तो ब्राह्मणों से कहो कि वे यह काम करें उन्हें अच्छी खासी आमदनी हो जायेगी। अगर ब्राह्मण ऐसा करते हैं तो उतने ही पैसों का बोनस का इंतजाम मैं कर दूँगा।
आरएसएस-वीएचपी का बयान कांग्रेसी, ब्राह्मणमान्य, कट्टर जातिवादी , महिला विरोधी , किसानद्रोही , सूदखोरप्रिय , आतंकी, बाल गंगाधर तिलक से कितना मिलता जुलता है। है न !

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