हर मुसलमान आँख की किरकिरी बन गया है?
महात्मा गाँधी की हत्या एक मराठी ब्राह्मण ने की थी. हमने सभी मराठियों को आतंकी नहीं माना.
इंदिरा जी की हत्या एक पंजाबी ने की थी, हमनें सभी पंजाबियों को आतंकी नहीं माना.
राजीव जी की हत्या एक तमिल ने की थी. हमने सभी तमिलों को आतंकी नहीं माना.
आज से पहले भी पंजाब, आसाम और कश्मीर ने आतंक के बहुत बुरे दौर देखे हैं लेकिन हमने कभी पंजाबियों और असमियों को अपने से जुदा नहीं किया.
आज ऐसा क्या हो गया कि हर कश्मीरी और हर मुसलमान आँख की किरकिरी बन गया है?
कुछ नहीं हुआ है दोस्तों... राजनेता हमेशा की तरह फूट डालो और राज करो का खेल, खेल रहे हैं. अपरिपक्व राष्ट्रीय सरकार स्थिति की गंभीरता का आकलन करने में नाकाम हो रही है और सरकारी एजेंसीज पर अपने मुखिया की तरह बडबोलापन हावी है.
हम सभी को संयम से काम लेना है...
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