फिर भी गौ सेवक कहलाते
नाम मुस्लिम का बदनाम है चर्चा ऐसी आम है
दूध दिया तब खूब चराया पानी मे फिर दूध मिलाया
मॉ के दूध से खूब कमाया छूट गई तो दूर भगाया
जिंदा गाय पे लठठ चलाते मरी गाय के पास न आते
नाक मूंद के दूर से जाते फिर भी गौ सेवक कहलाते
हुई बुजूर्ग तो चल नही पाये पडी.पडी बो गौबर खाये
चारा उसको कोई न लाये ऑख से अपनी नीर बहाये
न कभी मॉ को पास बिठाया लठठ मारके उसे भगाया
मरी गाय को फेंक के आया कभी न उसका श्राद कराया
कुत्तों ने फिर मॉ को खाया न कोई बेटा बचाने आया
दलितो ने जो हाथ लगायाउसको मारके फर्ज निभाया
By :अल्ताफ शेख कादरी
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