जब दो साल का जश्न मनाया जाए तो उसमें यह बताना चाहिए

गंगा कितनी साफ हुई?
आदर्श ग्राम योजना किस हालत में है?
बुलेट ट्रेन कहां तक पहुंची?
स्मार्ट सिटी की स्थिति क्या है?
विदेशों से कितना धन आया?
निर्यात लगातार क्यों घट रहा है?
रुपया क्यों रसातल में जा रहा है?
दो साल में कितनी जोब क्रिएट की ?
देश की अर्थव्यवस्था कुलांचे मार रही है या बकौल स्वामी रसातल में जा रही है?
अगर रसातल में जा रही है, तो इसकी जिम्मेदारी आरबीआई गवर्नर राजन की कैसे है?
यह भी जरूर बताएं कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें न्यूनतम स्तर पर होते हुए भी देश की जनता पूरी दुनिया के मुकाबले महंगा पेट्रोल-डीजल खरीदने पर मजबूर है?
सूखे से किस तरह निपटा गया?
किसान क्यों अपनी एक टन प्याज एक रुपये में बेचने के लिए मजबूर है?
जन-धन खाते, शौचालय और गैस सब्सिडी की बातें तो मोदी अपनी हर सभा में करते हैं, इसलिए इनका गुणगान करने की जरूरत नहीं है। लेकिन हां, यह जरूर बताना चाहिए जो जन धन खुले हैं, उनमें से कितने एक्टिव हैं?
गैस सब्सिडी छोड़ने के अभियान के विज्ञापन पर कितना पैसा खर्च किया गया?
सौ :- नवेद शैख़ (इंडियन)

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