आरक्षित वर्ग की एक पोस्ट के इंटरव्यू का एक दृश्य

##########################
अधिकारी -     यह नौकरी मैं सामान्य वर्ग को क्यों न दूं
अभ्यर्थी  -    संविधान के आरक्षण के तहत ये जगह मुझे ही मिलनी चाहिए
अघिकारी -  कौनसे संविधान की बात करते हो आप, मनुस्मृति या बाबा साहब का संविधान
अभ्यर्थी - बाबा साहब का भारतीय संविधान
अधिकारी - मान लो ये नौकरी आपको दी, तो ये बताओ, इस खुशी में आप घर जाकर क्या करोगे
अभ्यर्थी - घर जाकर परिवार के साथ मंदिर  देवी देवताओं की पूजा करने जाऊगा, और पहली तनख्याह से देवी मइया का चोला चढ़ाऊँगा
अधिकारी - अच्छा !! नौकरी तो बाबा साहब के संविधान से चाहिए, और अहसान मनु प्रदत्त देवताओं को चुकाओगे
अधिकारी - वाह ! पाखन्डी, चल हट,,, चलो अगले को बुलाओ

Comments

Popular posts from this blog

ना हिंदू बुरा है ना मुसलमान बुरा है जिसका किरदार बुरा है वो इन्सान बुरा है. .

क्या वाल्मीकि जी मेहतर/भंगी थे?

हर चमार महापंडित है सूर्यवंशी हैं