अंधविश्वास की कोई सीमा नही हैं

क्योकि इससे बढ़ावा देने वाले लोगो की कमी नही हैंl
इस अंधविश्वास के कारण ही उनकी रोजी रोटी चलती हैं।
और इसी कारण ये इसे बढावा देने के लिए
विज्ञापनों का सहारा भी लेते हैं। इन विज्ञापनों के प्रचार – प्रसार के लिए बीते दिनों के मशहूर
हस्तियों को चुना जाता है ।
आजकल बीते जमाने के हिंदी फिल्म स्टार
गोविंदा बड़े ही जोर – शोर से शुभ धन
वर्षा यंत्र को बेच रहे हैं और इसमें दर्शक
दीर्धा में भी कुछ पुराने जमाने के टेलिविजन कलाकार बैठे होते हैं और गोविंदा की हाँ में
हाँ मिलाते रहते हैं
और यह बताने का प्रयास करते हैं
कि धन वर्षा यंत्र के घर में स्थापित करने
के बाद उनके जीवन में उल्लेखनीय प्रगति आई
है और उनके जीवन के तमाम कष्ट दूर हो गए
हैं
तथा अब वह अपना जीवन पूर्ण आनन्द से
व्यतीत कर रहें हैं । गोविंदा जी दर्शक दीर्धा से
एक व्यक्ति को बुलाते हैं और उससे उसका नाम
पता पूछते हैं तो वो जबाव देता है
कि उसका नाम रामखेलावन है
और वह छपरा, बिहार के एक छोटे से गाँव मे रहता है तथा किसान है ।
आगे वह
बताता है कि धन वर्षा यंत्र स्थापना से पहले
उसकी हालत बहुत खराब थी और खेती ठीक
नहीं होती थी ।
वह इतना गरीब था कि अपने
बच्चों को स्कूल तक नहीं भेज पाता था
परंतु यंत्र स्थापना के बाद उसकी खेत में
इतनी पैदावार होती है कि घर धन से भर गया है तथा अब उसके बच्चे शहर के स्कूल में पढते हैं । इन महाशय के
बारे में मैं बताना चाहूँगा कि ये कोई
किसान नहीं है
वरन टेलिविजन के छोटे स्तर के
कलाकार हैं
जिन्हे मैनें अक्सर सोनी चैनल पर आने वाले कार्यक्रम अदालत में देखा है ( आप भी देख सकते हैं ) ।
इन कार्यक्रमों में जितने भी कलाकार बैठे होते है अगर आप गौर से देखें
तो सभी उम्र के पचास पड़ाव पार कर चुके
हैं
और पहले की तुलना में अब उनके पास काम
नहीं है और अगर है भी तो बहुत ही कम
जिसके
कारण वो यह विज्ञापन कर रहें हैं।
अजीब बात ये हैं की सरकार क्यों इस पाखंड
को बढ़ावा दे रही हैं ।
क्या उसे सच में लगता हैं कि इन चीजो से कुछ लाभ हो सकता हैं तो फिर क्यों न फिर सरकार
गरीब लोगो को सस्ता अनाज वितरित
करने की बजाय शुभ धन वर्षा बाटे,
लोगो की गरीबी कम हो जाएगी
और देश की जो आज आर्थिक व्यवस्था गिर चुकी हैं
वो भी सुधर जाएगी..
क्यों आखे होकर अंधे बने हुवे हो भाईओ अब तो आंखे खोलो..
यदी फिर भी कोई मेरे खिलाफ बोलना चाहता है तो ऊसे मेरा एक सवाल
(1) चलो भाई हिंदु धर्म के हिसाब से चलते है. हिंदु धर्म मे बताया जाता है की ईनसान की तकदीर मे जो लिखा है वो बदला नही जाता, ईश्वर के बदौलत कोई पत्ता भी नही हिलता तो भाई क्यों मै ईतना हिल डुल रहा हु क्यों मै अंधविश्वास कि पोल खोले जा रहा हु तकदीर तो ऊसने मेरी भी लिखी होगी?
क्या ऊसने मेरी तकदीर मे ये लिखा है कि जाओ भाई निचे जाकर मेरे खिलाफ इंटरनेट पे मेरी पोल खोल दो?
और क्या शुभ धन वर्षा घर मे रखने से तकदीर मे लिखे गयी यंत्रना बदलने वाली है क्या?

सौ- अँधविश्वास मीटाओ समाज बचाओ

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