Shayari part 89
1. "वो नदिया नहीं आंसू थॆ मॆरॆ,जिन पर,
वो कश्ती चलातॆ रहे
मंज़िल मीलॆ उन्हॆ ये चाहत थी मेरी, इसलिये हम आंसू बहातॆ रहे."
2. कुछ पल खामोशियों में खुद से रूबरू हो लेने दो......
जिंदगी के शोर में खुद को सुना नहीं मुद्दतों से मैंने.... I
3. वादा करके और भी आफत में डाला आपने,
जिन्दगी मुश्किल थी, अब मरना भी मुश्किल हो गया..
4. सिर्फ एक बार आओ मेरे दिल में...अपनी मुहब्बत देखने"
फिर लौटने का इरादा हम तुम पर छोड़ देंगे"
5. हम सिर्फ अपने आंसुओ की बजह लिखते है...
पता नही लोग क्यों कहते है...वाह क्या बात हैं..
6. कभी हमसे भी पूँछ लिया करो हाल-ऐ-दिल दोस्तों....
कभी हम भी कह सकें दुआ है आपकी......
7. दर्द की बारिशों में हम अकेले ही आयें थे दोस्त...
जब बरसी ख़ुशियाँ न जाने भीड़ कहाँ से आ गई....
8. बेक़सूर कोई नहीं इस ज़माने मे.
बस सबके गुनाह पता नहीं चलते..
9. काश...."वफा क्या होती है...? ये समझ पाते तुम
फिर ना तुम अकेली होती, और ना अकेले होते हम...
10. ऐ इश्क़ तुझे रब का वास्ता
मासूम लोगो को बर्बाद मत किया कर...!!!
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