Shayari Part 86

1. अपना वादा यूँ ही ता उम्र निभाया करेंगे हम।
तुम जब भी बुलाओगे आ जाया करेंगे हम।

2. "तू साथ चले तो शायद.... मंजिल मिल जाए,
  मुझे तो..... कोई रास्ता पहचानता नही है " !!

3. उसके दिल मे थोड़ी सी जगह माँगी थी मुसाफिरों कि तरह..
उसने तन्हाईयों का एक शहर मेरे नाम कर दिया..

4. मेरे बस में हो तो लहरो को इतना हक भी ना दूँ
लिखू नाम तेरा किनारे पे और लहरो को छूने तक ना दूँ..

5. कुछ मीठा सा नशा था उसकी झुठी बातों मे.
वक्त गुज़रता गया और हम आदी हो गये...!

6. पागल नहीं हैं हम जो तेरी हर बात मानते है ,
बस तेरी खुशी से ज्यादा कुछ अच्छा ही नहीं लगता हैं...

7. तेरी जुदाई ने हमें लफ़्ज़ों का बादशाह बना दिया,
मेरी हर आह पर लोग अब वाह वाह करते है..!!!

8. मोहब्बत में मैंने उसकी क्या कुछ नहीं लुटा दिया...
उस को पसंद थी सिर्फ रौशनी और " मैंने " खुद को जला दिया ..

9. तरसेगा जब दिल तुम्हारा, मेरी मुलाकात को..
ख्वाबों मे होंगे तुम्हारे हम, उसी रात को..!!

10. "मैँ क्यूँ ना मुस्कुराऊ उसके लिए यारो
जो मेरी एक मुस्कराहट के लिए
अपने हजार आँसु छिपाती है.."

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