Shayari Part 85
1. कोई तीर जैसे जिगर के पार हुआ है
जाने क्यों दिल इतना बेक़रार हुआ है
पहले कभी देखा न मैंने तुम्हें
फिर भी क्यों ऐ अजनबी इस
कदर तुमसे प्यार हुआ हैं
2. किस्मत वालों को ही मिलती है पनाह दोस्तों के दिल में,
यूँ ही हर शख्स जन्नत का हक़दार नहीं होता…............
3. ना जाने कैसे इम्तेहान ले रही है जिँदगी आजकल,
मुक्दर, मोहब्बत और दोस्त तीनो नाराज रहते है.
4. हम गरीब लोग है किसी को मोहब्बत के सिवा क्या देंगे.
एक मुस्कराहट थी, वह भी बेवफ़ा लोगो ने छीन
ली
5. तरसता है दिल तेरी आवाज़ के लिए,
तेरे मोहबत भरे दो अलफाज़ के लिए,
करदो हमे फन्नाह अपनी इस अदा के लिए,
तड़पते है हम तेरी एक मुलाकात के लिए
6. हम ने देखी है उन आँखों की महकती खुशबू ,
हाथ से छूके इसे रिश्तों का इल्जाम ना दो;
सिर्फ एहसास है ये, रूह से महसूस करो,
प्यार को प्यार ही रहने दो, कोई नाम ना दो..!!
7. सोचा याद न करके थोड़ा तड़पाऊं उनको...
किसी और का नाम लेकर जलाऊं उनको...
पर चोट लगेगी उनको तो दर्द मुझको ही होगा,
अब ये बताओ किस तरह सताऊं उनको...!!!
8. लोग कहते हैं किसी एक के चले
जाने से हमारी जिंदगी रुक नहीं जाती
ये कोई नही जानता की लाखों के मिल
जाने से भी उस एक की कमी पूरी नहीं होती
9. किसी के ग़म… अपने बनाने को जी करता है…
किसी को… दिल में बिठाने को जी करता है…
आज दिल को क्या हुआ है खुदा जाने…
बुझती हुई शमा…फिर जलाने को जी करता है…
10. कोई नही देगा साथ तेरा यहॉं
हर कोई यहॉं खुद ही में मशगुल है
जिंदगी का बस एक ही ऊसुल है यहॉं,
तुझे गिरना भी खुद है और सम्हलना भी खुद है.
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