Shayari Part 84
1. "हजारो वादे कर रहे हो आज मुझे पाने के लिए
एक बहाना भी बहुत होगा तुमको कल मुझे छोड़
जाने के लिए.."
2. अब तुझसे शिकायत करना मेरे हक में नहीं,
क्योंकि
तू आरजू मेरी थी पर अमानत शायद किसी और की।
3. ये तेरा वहम हैँ के हम तुम्हेँ भूल जाऐँगे
वो शहर तेरा होगा जहाँ बेवफा लोग बसते हैँ
4. जरुरत नहीं थी असलियत में शायद..
कर्ज़दार हुए हम शौक ही शौक में..!!
5. तेरा नाम था आज किसी अजनबी की जुबान पे...
बात तो जरा सी थी पर दिल ने बुरा मान लिया..
6. मै और मेरा दिल,,, ऐ जान,,,
अफसोस दोनों मर गये तुम पर.
7. तेरी मोहब्बत को कभी खेल नही समजा ,
वरना खेल तो इतने खेले है कि कभी हारे नही ..!!
8. मत गिरा अपने झूठे इश्क के आंसू मेरे जनाज़े पर....
अगर तुझमे वफ़ा होती तो हम ज़िन्दगी से बेवफा न होते
9. ज़िन्दगी का ये हुनर भी आज़माना चाहिये
जंग अगर हो दोस्तों से हार जाना चाहिये
10. "मुझे नही मालुम की तुम्हे पाकर मुझे क्या मिलेगा,,
मगर इतना मालुम है कि तुम्हेँ खो दिया तो सब खो दुँगा.."
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