महिलाऐं उन्हें भुलाकर वापस धर्म के पीछे दौड़ पड़ी हैं
धर्म ने महिलाओं को कोई अधिकार नहीं दिये थे!
जब सावित्री बाई फूले ने महिला
शिक्षा के लिये
देश का
पहला स्कूल
खोला तो
हिंदू पाखंडियों ने
उनका विरोध
किया,पत्थर मारे,
गोबर फैंका...
फिर जब
बाबासाहब
डॉ.अंबेडकर ने
"हिंदू कोड बिल"
(महिला अधिकार
और
सम्मान कानून)
बनाया तब भी
धार्मिक
पाखंडियों ने
उनके पुतले फूँके,
विरोध किया।
ये बड़े दुख की
बात है कि जिन
महानायकों ने
महिलाओं को
शिक्षा का अधिकार,
MLA,MP,CM,
PM बनने का
अधिकार दिलाया,
महिलाऐं उन्हें
भुलाकर वापस
धर्म के पीछे
दौड़ पड़ी हैं।
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जय भीम
सौ - एन जी चौहान
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