अपनी कीमत पहचानिये

मेरी कलम से
"एक कागज का टुकड़ा
            गवर्नर के हस्ताक्षर सेज
               नोट बन जाता है,
       जिसे तोड़ने, मरोडने,
           गंदा होने एवँ जर्जर होने से भी
             उसकी कीमत कम नहीं होती...
       आप भी बाबा साहब के हस्ताक्षर है,
           जब तक आप ना चाहे
              आपकी कीमत कम नहीं
                 हो सकती,
      आप अनमोल है ,
           अपनी कीमत पहचानिये
जय भीम ,जय भारत

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