यहाँ किसी भी बाघ ने किसी भी व्यक्ति पर हमला नहीं किया है।

आज आपको हम एक ऐसे धार्मिक स्थल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे। यह मंदिर है थाईलैंड का टाइगर टेम्पल, जहाँ लोग पैर रखने से पहले 100 बार सोचते हैं। आपने सुना होगा कि हिन्दू धर्म में शेरों को माँ दुर्गा का वाहन माना जाता है। इसलिए शेरों को भी पूजनीय माना जात है। पर क्या आपने इन जंगली और हिंसक पशुओं को खुलेआम घुमते देखा है? नहीं न? तो आइये हम आपको बताते हैं इस मंदिर के बारे में।
असल में थाईलैंड के कंचनबुरी प्रांत में है, जो बर्मा की सीमा से लगा हुआ है। इस क्षेत्र में बने बौद्ध मंदिर में रहनेवाले बौद्ध भिक्षुकों ने इस मंदिर को वन्य जीव संरक्षण से जोड़ दिया। जिसके बाद यहाँ शेरों को लाया जाने लगा और उनकी देखभाल की जाने लगी। पहली बार यहाँ बाघ का एक बच्चा लाया गया था, जिसकी माँ को शिकारियों ने मार डाला था। इसके बाद से बौद्ध भिक्षुओं ने वन्य जीव संरक्षण को और गंभीरता से लिया और यह सिलसिला लगातार जारी रखा।
इस मंदिर में दूर-दूर से पर्यटक आते हैं, जो अपनी आगे की ज़िन्दगी के लिए एक रोमांचक अनुभव अपने साथ ले जाते हैं। बाघों के बीच घूमना और उन्हें करीब से देखने का अनुभव वे कभी भूल नहीं पाते। अब इस टेम्पल में 150 से ज्यादा बाघ हैं जो बौद्ध भिक्षुओं के साथ मिलजुलकर रहते हैं । इसलिए अब इस मंदिर का नाम टाइगर टेम्पल रख दिया गया है। अब तक यहाँ किसी भी बाघ ने किसी भी व्यक्ति पर हमला नहीं किया है। देखिये इस टेम्पल की यह अनदेखी तस्वीरें, जिसे देखकर , जिसे देखकर आप हैरान रह जाएंगे ।

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