अगर समझ में आया हो तो अभी तोड़ दीजिये उस कलावे को !!

१.कितने लोग हाथ में कलावा बांधते हैं?
२.कितने लोग यह जानते हैं की कलावा बांधते समय ब्राहमण क्या श्लोक उच्चारित करता है ??
३.कितने लोग उस श्लोक का अर्थ जानते हैं ?
४.कितने लोग उस कलावे को क्यों बांधा जाता है, ये जानते हैं ??
कलावा बांधते समय ब्राह्मण द्वारा उच्चारित श्लोक व अर्थ इस प्रकार है ...."येन बद्धो, दान वेन्द्रो बलिराजा महाबल:तेन त्वः, प्रतिबद्धमे नमो रक्षे, मा चल, मा चल "{अर्थात ये धागा मैं तुझे इस उद्देश्य से बंधता हु जिस उद्देश्य से तेरे सम्राट बलिराजा को बांधा गया था, आज से तू मेरा गुलाम है मेरी रक्षा करना तेरा कर्त्तव्य है, अपने समर्पण से हटना नहीं}
....अब कितने लोगों को अपने कलावा बांधे होने पर गर्व है ..अगर समझ में आया हो तो अभी तोड़ दीजिये उस कलावे को !!!

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