बाबा न होते तो फिर क्या होता

" गले तुम्हारे टाई न होती ,
उसकी जगह तो हांडि होती ।
कमर तुम्हरे बैल्ट न होती ,
वहा तो झाडू लटकी होती ।
नहीं होते ये कोठी ,
बंगले ,वहां पुराना छप्पर होता ।
नही होती ये मोटर कारे ,
फटा' पुराना जुता होता ।
बाबा न होते तो फिर क्या होता ,
बोलो अपने मुख से बोलो ।
बोलो' बोलो फिर बोलो ,
बाबा भीम की जय- जय बोलो  ।
आरक्षण के बल पर मिञो!
नेता अफसर तुम बने हो ।
हाल-चाल सब बदल गऐ हैं।
सूट-बूट में बने-ठने हो।
समता का अधिकार दिलाया ,
छुआछूत का दाग मिटाया ।
उत्पीडन से मुक्त कराया ,
अरे ! बाबा ने क्या न कराया ?
जब भी मीलो परस्पर् तुम सब ,
जय भीम ही अपने मुख से बोलो ।
बोलो-बोलो . बाबै भीम की जय जय बोलो ☝☝☝☝जय भीम

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