सबसे ऊँचा, सबसे न्यारा जग में भीमराव का नाम,,
किसी ने पूछा बाबा साहब को कौन-2 मानता है एक कवि का जवाब-
उगते सूर्य की किरण
भीम सलाम करती है,
झर-2 बहते झरने की
लहरे भी कुछ कहती है,,
कल-कल बहती नदियां
पवन ज्यों-2 करे शोर,
भीमराव के होने से ही
आज हुई है अपनी भोर,,
पर्वत से भी ऊँचा जो है
शक्ति साहस दीखता हो,
शौर्य, पराक्रम, बुद्धि के
बल पे ही जो टिकता हो,,
जिसकी कलम का लोहा
दुनिया अब तक मान रही,
मेहनत कहते किसको है
उनको पढ़कर जान रही,,
शोध किये दुनिया ने उनपे
भीम सा दूजा कोई नही,
इतने दुःख दर्दो को सहके
आँख कभी भी रोई नही,,
धरती अम्बर सब के सब
झुक-2 करे जिसे सलाम,
सबसे ऊँचा, सबसे न्यारा
जग में भीमराव का नाम,,
रचनाकार-मन्जीत सिंह अवतार
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