मैं अपना आत्मसम्मान नही खोना चाहता.

नारी को जिन्दा जलाने वाले और फिर रंगों से खुशियाँ जताने वाले ऐसे अमानवीय त्यौहार "होली" को मनाकर
मैं अपना आत्मसम्मान नही खोना चाहता क्यूंकी मेरे अंदर का इंसान अभी जिन्दा है।
Respect woman because my mom is also A woman whom created me.
अहमदाबाद मे ‪#‎होलिका‬ नही बल्कि ‪#‎मनु‬ नामक ब्राह्मण का पुतला और उसकी ‪#‎मनुस्मृति‬ ‪#‎जलाइ‬ गईं ।
1 नये युग की शुरुआत हो चुकी है,
जय भीम......
जय हो आम्बेडकरवादी क्रांति

Comments

Popular posts from this blog

ना हिंदू बुरा है ना मुसलमान बुरा है जिसका किरदार बुरा है वो इन्सान बुरा है. .

आप दिमाग से पैदल हैं

क्या वाल्मीकि जी मेहतर/भंगी थे?