अचानक मरे हुए गुरु के इतने चेले कैसे पैदा हो गए.?
एक बात बताओ.. अफजल गुरु को तो यूपीए सरकार ने लटकाया था। उसे लटकाये भी 2 साल हो गए, जब लटकाया था, तब JNU (जवाहर जिन्ना यूनिवर्सिटी) मे कोई विरोध प्रदर्शन नही हुआ, पिछले साल नही हुआ अचानक मरे हुए गुरु के इतने चेले कैसे पैदा हो गए.?
इसका मतलब मोदी सरकार कुछ तो ऐसा काम कर रही है कि सारे छुपे हुए गद्दार बिलबिलाकर बिल से बाहर आ रहे है। नकाब हट रहे है।
शायद सरकार और खुफिया एजेंसियां इन्ही स्लीपर सेल्स, आतंकवादी समर्थको को चिन्हित करके बेकनाब कर देना चाहती हो ताकि जब इनके खिलाफ कारवाही हो कोई छातीकूट, अवार्ड वापसी गैंग, असहिष्णुता के झंडाबरदार इनके पक्ष मे माहौल न बना सके।
ये गांधी-नेहरु का बनाया भारत है मित्रो राष्ट्रवादियो ने तो अभी शुरूआत की है। यहा सैकडो हनुमंथप्पा जैसे भारत माता के वीर सपूत गुमनामी के अँधेरे मे खो जाते है, चार दिन बाद इनका नाम सब भूल जाते है, और इशरत जहाँ जैसे फिदायिन हमलावर को "शहीद" का दर्जा देकर उसकी याद मे ऐम्बुलेंस चलाई जाती है.. अतुल्य भारत का इससे बेहतरीन नमूना और कहाँ देखने को मिलेगा....?
इसका मतलब मोदी सरकार कुछ तो ऐसा काम कर रही है कि सारे छुपे हुए गद्दार बिलबिलाकर बिल से बाहर आ रहे है। नकाब हट रहे है।
शायद सरकार और खुफिया एजेंसियां इन्ही स्लीपर सेल्स, आतंकवादी समर्थको को चिन्हित करके बेकनाब कर देना चाहती हो ताकि जब इनके खिलाफ कारवाही हो कोई छातीकूट, अवार्ड वापसी गैंग, असहिष्णुता के झंडाबरदार इनके पक्ष मे माहौल न बना सके।
ये गांधी-नेहरु का बनाया भारत है मित्रो राष्ट्रवादियो ने तो अभी शुरूआत की है। यहा सैकडो हनुमंथप्पा जैसे भारत माता के वीर सपूत गुमनामी के अँधेरे मे खो जाते है, चार दिन बाद इनका नाम सब भूल जाते है, और इशरत जहाँ जैसे फिदायिन हमलावर को "शहीद" का दर्जा देकर उसकी याद मे ऐम्बुलेंस चलाई जाती है.. अतुल्य भारत का इससे बेहतरीन नमूना और कहाँ देखने को मिलेगा....?
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