ये राष्ट्रीय न्यूज क्या होता है?

1. रोहित वेमुला और उसके साथी, हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में दो हफ्ते तक फुटपाथ पर सोते हैं.... चैनलों और अखबारों की राष्ट्रीय खबर नहीं है.

2. सांस्थानिक उत्पीड़न का शिकार रोहित मारा जाता है... दो दिनों तक राष्ट्रीय न्यूज नहीं है.

3. इसके खिलाफ नागपुर में तीन किलोमीटर से भी लंबा जुलूस दीक्षा भूमि से निकलता है... राष्ट्रीय न्यूज नहीं है.

4.रोहित मामले पर मुबंई में 20,000 से ज्यादा लोग सड़कों पर उतर आते हैं... राष्ट्रीय न्यूज नहीं है.

5. बहुजन विद्यार्थी संघ बैंगलोर में इतना बड़ा जुलूस निकालता है कि शहर जाम हो जाता है... राष्ट्रीय चैनलों पर खबर नहीं है.

वही,

5. दिल्ली की एक यूनिवर्सिटी में 60-70 लोगों की भीड़ में से कुछ लोग  अफजल गुरु को लेकर नारे बाजी करते हैं... राष्ट्रीय न्यूज है. चैनलों पर डिबेट है. लाइव शो है. अखबारों में हेडलाइन है.

एक लाल धागा है जो RSS के एजेंडे को मीडिया के एजेंडे से जोड़ता है.  उसकी सारी कोशिश मामले को हिंदू बनाम मुसलमान बनाने की होती है ताकि ब्राह्मणवाद बचा रहे.

ब्राह्मणवादी मीडिया में यही चल रहा है.

Comments

Popular posts from this blog

ना हिंदू बुरा है ना मुसलमान बुरा है जिसका किरदार बुरा है वो इन्सान बुरा है. .

क्या वाल्मीकि जी मेहतर/भंगी थे?

हर चमार महापंडित है सूर्यवंशी हैं