साम्प्रदायिक एकता की मिसाल बन रहा है...हेलमेट...!!

वो  ऐसे कि किसी भी
पेट्राेल पंप पर बिना हेलमेट के
पेट्राेल नहीं दिया जा रहा है...
जैसे ही कोई व्यक्ति हेलमेट पहनकर
पेट्राेल लेने पहूंचता है, वहा पहले
से ही हेलमेट का इंतजार कर रहे
आठ-दस लोग बिना जात पात
और धर्म मजहब की पूछताछ
किऐ बगैर उसके हेलमेट को बारी-बारी
से अपने सिर-माथे पर लगाकर
पेट्राेल भराने में लग जाते है....
थोड़ी देर तक ही सही....पर पेट्राेल पंप
का माहौल बड़ा ही सोहार्दपूर्ण
हो जाता है और कुछ पलो के
लिए हेलमेट वाला व्यक्ति 'दानवीर'
हो जाता है...
सच है...जरुरते आदमी को 'इंसान' बना देती है...

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