तो क्या सोनिया गांधी को फ़साना चाहते थे मोदी ?
नई दिल्ली । ब्रिटेन के एक हथियार एजेंट ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ सबूत जुटाने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। उसने कहा है कि मोदी सरकार ने 2013 के भ्रष्टाचार के एक बहुचर्चित मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके परिवार के खिलाफ सबूत देने के बदले में इटली सरकार को उसके दो मरीनों को आजाद करने का प्रस्ताव दिया था।
द टेलिग्राफ के मुताबिक, 54 वर्षीय ब्रिटिश एजेंट क्रिस्चियन माइकल ने ये आरोप हैंबर्ग स्थित समुद्र कानूनों के अंतरराष्ट्रीय ट्राइब्यूनल और हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय को लिखे एक पत्र में लगाया है। भारत और इटली की सरकारें इन्हीं दोनों न्यायालयों में इतलवी मरीनों के मामले में एक दूसरे के खिलाफ मुकदमा लड़ रही हैं। फिनमेकेनिका/आगस्ता वेस्टलैंड रिश्वतखोरी मामले में प्रवर्तन निदेशालय क्रिस्चियन माइकल से पूछताछ करना चाहती है।
15 फरवरी 2012 को इटली के जहाज एनरिका लेक्सी पर तैनात दो मरीनों मासिमिलानो लाटोरे और सल्वातोर गिरोने ने दो भारतीय मछुआरों की समुद्र में हुई कथित मुठभेड़ मे हत्या कर दी थी। दोनों मरीनों पर केरल की अदालत में मुकदमा चल रहा, हालांकि इटली मामले को भारतीय न्यायक्षेत्र से बाहर मानते हुए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में मुकदमा चलाए जाने की लड़ाई लड़ रहा है।
द टेलिग्राफ ने माइकल के आरोपों की पुष्टि नहीं की है, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने भी समाचार पत्र को दिए जवाब में कहा है कि आरोप इतने हास्यास्पद हैं कि इनपर टिप्पणी करना गैरजरूरी है।
समाचार पत्र के मुताबिक, इटली के प्रधानमंत्री कार्यालय ने मामले पर अब तक कोई जवाब नहीं दिया है। हालांकि माइकल ने दुबई से समाचारपत्र से हुई बातचीत में कहा,” मैं जानता हूं कि आरोप गंभीर हैं लेकिन मैं इन पर अडिग हूं।”
माइकल ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटली के प्रधानमंत्री माटियो रेंजी को पिछले साल सितंबर में न्यूयॉर्क में हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिवेशन के दौरान हुई हल्की सी मुलाकात (Brush-by meeting) में ये प्रस्ताव दिया था। अपने वकील के जरिए लिखे पत्र में माइकल ने कहा है कि न्यूयॉर्क में दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच हुई मुलाकात में मरीनों के मामले पर चर्चा हुई थी। माइकल ने ये पत्र 23 दिसंबर, 2015 को लिखा था।
पत्र में उसने कहा, ”भारतीय प्रधानमंत्री ने इटली के प्रधानमंत्री को प्रस्ताव दिया कि फिनमेकेनिका/आगस्ता वेस्टलैंड के मुख्य सलाहकार और गांधी परिवार के बीच रिश्तों का कोई सबूत हो तो वे दो मरीनों के खिलाफ केस खत्म करने में मदद करेंगे।” माइकल ही फिनमेकेनिका/आगस्ता वेस्टलैंड का मुख्य सलाहकार है और गांधी परिवार के साथ उसी के रिश्तों का सबूत मांगा था। उल्लेखनीय है कि फिनमेकेनिका/आगस्ता वेस्टलैंड सौदा 2013 में सुर्खियों में आया था।
भारत और इटली दोनों ही सरकारों ने दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच न्यूयॉर्क हुई मामूली मुलाकात (Brush-by meeting) से इनकार नहीं किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि न्यूयॉर्क में कई राष्ट्र्राध्यक्ष मौजूद थे और उनमें हल्कीफुल्की मुलाकातें और बातचीत संभव है।
Brush-by meeting उन मुलाकातों को कहते हैं, जिनमें राष्ट्राध्यक्ष बिना किसी तय कार्यक्रम में एक दूसरे से मिलते हैं। दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच कम से कम एक बार फोन पर बातचीत हो चुकी है। 11 अगस्त, 2014 को इतालवी प्रधानमंत्री रेंजी ने फोनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मरीनों के मामले में त्वरित और सकारात्मक फैसला लेने को कहा था। इतालवी प्रधानमंत्री के कार्यालय ने बातचीत की पुष्टि की।
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