क्या भाजपा देश से बड़ी हो गयी है ?
क्या भाजपा देश से बड़ी हो गयी है ? यह प्रश्न उनसे पूछा जाना चाहिए जो बीजेपी-पीडीपी गठबंधन की आड़ में जेएनयू काण्ड को औचित्यपूर्ण ठहराना चाहते है । माना कि भाजपा ने सत्ता मोह में देशद्रोहियो से हाथ मिला लिया लेकिन इससे जेएनयू की घटना की गम्भीरता कम नही हो जाती । भाजपा की करतूत की सजा देश को नही दी जा सकती । इसका मतलब तो यह हुआ कि भाजपा देश से बड़ी हो गयी और यदि उसने गलत हरकत कर दी तो दुसरो को भी इसकी इजाजत मिल गयी । इस घटना से भाजपा को भी सबक मिल जाना चाहिए कि सत्ता के लिए सिद्धांतो से समझोता कितना घातक होता है । जब भी पीडीपी से गठबंधन की बात आती है, इनकी बोलती बन्द हो जाती है । एक राष्ट्रवादी पार्टी के लिए इससे ज्यादा शर्म की बात ओर क्या हो सकती है ।
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