गद्दारों का है तुम में खून भरा,

गद्दारों का है तुम में खून भरा जो तुम गोडसे के गुण गाते हों,
जिस देश में तुमने जनम लिया उसी में नफरत फैलाते हो!
गणतंत्र दिवस को काला दिवस मनाकर झंडा जलाते हो!
अफजल को जो शहीद बताये उस पीडीपी से मिलकर सरकार बनाते हो!
जाती -पाती तुमने फैलाई धर्म का तुमने अपमान किया
अभिव्यक्ति की ये क्या परिभाषा जो सेकुलर शब्द को बदनाम किया
गोडसे को अगर शहीद कहते हो तो बापू गांधी क्या कहलायेंगे,
कोई इनके रहनुमाओं का धर्म मुझको बतलायेगा!
अपनी धरती माता को रुलाकर ये कैसी सत्ता पाओगे,
जिस भगवा-राज के तुम गुण गाते हो क्या फिर इसको जम्बूद्वीप बनाओगे
हम तो गोडसे को फंदा लगाएंगे चाहे ऐसे पिस्सू कितने भी पैदा कर लेना ,
तुम जैसे कायर संघियों पर भारी पड़ेगी ये भारत माता के लालों की सेना!
तुम ललकारो और हम न आये ऐसे बुरे हालात नहीं
भारत को बर्बाद करो इतनी भी तुम्हारी औकात नहीं!
इन गद्दार चड्डीधारियो के अच्छे दिन अब और बाकी नहीं
भगत सिंह , अशफ़ाक़ उल्ला और आज़ाद की इस देश में कमी नहीं,
बस इक और इंक़लाब होना चाहिए,
इस देश को बर्बाद करने वालों की पोल खुलनी चाहिए !
यह देश हम सबका है , यहाँ हर रंग महकता हैं
ये देश तुम्हारा है ये देश हमारा है, ये सविंधान सबसे प्यारा है
आओ हम सब इसका सम्मान करें,
जिस मिट्टी पे हैं जनम लिया उसपे हम अभिमान करें !

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