गोडसे के पुजारी

जो तिरंगा लेकर जेएनयू में डटे हैं इनकी मदर संस्था 26 जनवरी को काला दिवस मनाती रही है
नागपुर में भगवा झंडा लहराता रहा है और तिरंगे के निचे सर कभी झुका नहीं
ये आज प्रगतिशीलों को राष्ट्रवाद समझा रहे हैं
अंग्रेजों की मुखबिरी करने वाले लोग अब राष्ट्र वाद सीखा रहे है
वो कौन लोग है जो देश विरोधी नारे लगा रहे थे उन्हें शिनाख्त करके उन्हें फाँसी दी जाये
लेकिन किसी ऐसे व्यक्ति को फ़साना जो बीजेपी आरएसएस के एजेंडे की खिलाफत करता है वो अत्यंत दुखदायी है ।

Comments

Popular posts from this blog

ना हिंदू बुरा है ना मुसलमान बुरा है जिसका किरदार बुरा है वो इन्सान बुरा है. .

क्या वाल्मीकि जी मेहतर/भंगी थे?

हर चमार महापंडित है सूर्यवंशी हैं